गोरखपुर का कई बार बदला गया नाम, पढ़े क्या था पुराना नाम

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इलाहाबाद का नाम प्रयागराज के बाद फैजाबाद का नाम अयाेध्‍या किए जाने को लेकर प्रदेश में बहस छिड़ी हुई है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि गोरखपुर का ही नाम पिछले 2600 साल में आठ बार से अधिक बार बदला गया।

 हुमायूंपुर को हनुमानपुर कहा जाने लगा

गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गोरखपुर का मौजूदा नाम 217 साल पुराना है। बता दें कि गोरखपुर के सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के कई मोहल्लों का नाम बदल दिया था। इसी के तहत अलीनगर को आर्यनगर, उर्दू बाजार को हिन्दी बाजार, हुमायूंपुर को हनुमानपुर कहा जाने लगा।

पूर्व मध्यकाल में इस शहर का नाम सरयूपार था

गोरखपुर विवि के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.राजवंत राव ने मीडिया से खास बातचीत में दावा करते हुए कहा,” गोरखपुर शहर का नाम 8 बार से अधिक बार बदला गया है। प्रो.राजवंत राव कहते हैं कि पूर्व मध्यकाल में इस शहर का नाम सरयूपार था।”

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क्योकि अभिलेखों में सरयूपार नाम दर्ज हैं। वहीं मुगलकाल में गोरखपुर सरकार के नाम से जाना जाता था। तो कभी मोअज्जमाबाद और अख्तनगर के नाम से. अंत में अंग्रेजों ने 1801 में इसका नाम ‘गोरखपुर’ कर दिया जो नौवीं शताब्दी के ‘गोरक्षपुर’ और गुरु गोरक्षनाथ पर आधारित है।

प्रो.राव कहते हैं कि छठवीं शताब्दी यानी 2600 साल पहले गोरखपुर शहर का ‘रामग्राम’ हुआ करता था। इसकी वजह रामगढ़झील का इतिहास है। भौगोलिक आपदा के चलते रामग्राम धंसकर झील में बदल गया। जिसे आज हम रामगढताल के नाम से जानते है।

नौवीं शताब्दी में सबसे लोकप्रिय नाम गोरखपुर हुआ

उन्होंने बताया कि चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में इस क्षेत्र को पिप्पलिवन के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन गुरु गोरक्षनाथ के बढ़ते प्रभाव के चलते नौवीं शताब्दी में सबसे लोकप्रिय नाम गोरखपुर हुआ। वहीं इतिहास में शासकों ने बार-बार दूसरे नाम थोपने की कोशिश की लेकिन लोगों के अंदर बाबा गुरु गोरक्षनाथ की अपार आस्था के चलते ऐसा होने नहीं दिया। साभार

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