महंगा होगा मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का सफर, 1 अप्रैल से होगी 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी

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अब मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के जरिए सफर करना आपके जेब को गरम कर सकता है. 1 अप्रैल 2023 से एक्सप्रेसवे से गुजरने के लिए ज्यादा टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा. इसका मतलब है कि अगले महीने से टोल की दरों में 18 फीसदी बढ़ोतरी होने जा रही है. जिसे दोनों शहर के बीच आने जाने लगत बढ़ जाएगी. महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) के अनुसार, एक्सप्रेसवे पर टोल हर साल 6% बढ़ाता है, लेकिन इसे हर तीन साल में एक साथ लागू किया जाता है. इससे पहले एक अप्रैल 2020 को टोल बढ़ाया गया था. टोल वृद्धि के संबंध में अधिसूचना हर तीन साल में जारी की जाती है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि MSRDC हर साल ई-वे पर टोल 6 फीसदी बढ़ाता है, लेकिन इसे हर तीन साल में एक साथ लागू किया जाता है. गणना के मुताबिक, 1 अप्रैल से टोल में 18 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी. अधिकारियों ने बताया है कि इसी हिसाब से टोल बढ़ाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक बसों, कारों और ट्रकों के टोल टैक्स में इजाफा हुआ है. चलिए जानते हैं किस वाहन को देना होगा कितना टैक्स…

जानें किसकी जेब से जाएगा कितना माल…

निजी वाहन चालकों को 1 अप्रैल से 95 किमी लंबे एक्सप्रेसवे पर एक तरफ से टोल के रूप में 320 रुपये का भुगतान करना होगा. यह वर्तमान में 270 रुपये है. कार चालकों को पुणे से मुंबई के किले क्षेत्र में जाने के लिए 360 रुपये (एक्सप्रेसवे पर 320 रुपये और वाशी के पास 40 रुपये) का भुगतान करना होगा. टेंपो का टोल 420 से बढ़कर 495 हो जाएगा. ट्रक के 580 की जगह 685 रुपये कर दिए गए हैं. बस को अब 797 की जगह 940 रुपये टोल देना होगा. टोल टैक्स में इजाफा होने से मुंबई और पुणे के रूट पर टैक्सी और बसों के किराये में भी इजाफा हो सकता है. बस और टैक्सी चालकों की ओर से बढ़े हुए टोल टैक्स का बोझ यात्रियों पर डाले जाने की आशंका है.

जानें इस एक्सप्रेसवे की खासियत…

भारत का पहला एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे 2002 में बनकर तैयार हुआ था. यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे है. इसकी शुरुआती नवी मुंबई में कालमबोली से होती है और ये पुणे के किवाले में खत्म होता है. यह एक्सप्रेसवे खूबसूरत सहयाद्री पर्वत शृखंला से होकर गुजरता है. 95 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे में कई सुरंगें हैं. भले ही इसे देश का पहला एक्सप्रेसवे होने का गौरव प्राप्त है, लेकिन यह अपने बाकी साथियों से स्पीड के मामले में पीछे है. जहां अन्य एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्वीकृत गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, वहीं इसपर अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा की ही है. अब इस रास्ते के चौड़ीकरण का काम शुरू होने होने वाला है.

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