राजकीय सम्मान के साथ होगी मुलायम सिंह यादव की अंतिम विदाई, जानें इसके बारे में
बीते सोमवार को यूपी के पूर्व सीएम और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मुलायम सिंह के निधन पर यूपी में 3 दिन राजकीय शोक घोषित किया गया है. आज (मंगलवार) सैफई पंडाल में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. मुलायम सिंह यूपी के सीएम से लेकर देश के रक्षामंत्री भी रह चुके हैं, इसलिए उनको राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में लपेटकर अंतिम विदाई दी जाएगी. राजकीय सम्मान क्या होता है और किसे दिया जाता है. यहां जानिए…
तिरंगे में लपेटकर होगी अंतिम विदाई…
मुलायम सिंह यादव एक सम्मानित पद पर रहे हैं. वे यूपी के 3 बार सीएम और देश के रक्षामंत्री रह चुके हैं. सम्मानित पद की श्रेणी में आने वाले मुलायम सिंह के निधन के बाद यूपी में 3 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. अंतिम संस्कार के दौरान उनके पार्थिव शरीर को शीशे के ताबूत में रखा जायेगा और तिरंगे में लपेटा जायेगा. इसके साथ उन्हें बंदूकों से सलामी दी जाएगी.
#WATCH | A large sea of people chants "Netaji amar rahein" as a vehicle carries the mortal remains of Samajwadi Party (SP) supremo and former Uttar Pradesh CM #MulayamSinghYadav for his last rites, in Saifai, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/RMCzht2uI3
— ANI (@ANI) October 11, 2022
जानें राजकीय सम्मान के बारे में…
देश के किसी बड़े या सम्मानित पद के नेता या सेलिब्रिटी का निधन होता है तो सरकार उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है. जिसके तहत सार्वजनिक अवकाश भी रखा जाता है. इसके अलावा, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान पार्थिव शरीर वाले ताबूत को देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से लपेटा जाता है. इसके साथ ही फ्लैग कोड ऑफ इंडिया नियम के मुताबिक, राष्ट्र ध्वज तिरंगे को आधा झुका दिया जाता है. अंतिम संस्कार के समय उनके सम्मान में बंदूकों से सलामी (गन सैल्यूट) दी जाती है.
जानिए राजकीय शोक के बारे में…
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया नियम के मुताबिक, राजकीय शोक के दौरान विधानसभा, सचिवालय समेत महत्वपूर्ण और सरकारी दफ्तरों में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे. इतना ही नहीं, राजकीय शोक के तहत राजकीय सम्मान में प्रदेश भर में कोई भी औपचारिक और सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन नहीं होंगे. इस दौरान समारोहों और ऑफिशियल एंटरटेनमेंट पर भी प्रतिबंध रहता है. राज्य के सीएम से लेकर सभी गणमान्य लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी होती है.
कुछ देर में पंच तत्व में विलीन हो जाएंगे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, नेताजी को विदाई देने उमड़ा जनसैलाब#MulayamSinghYadav pic.twitter.com/GyGDNjkG0e
— Journalist Cafe (@journalist_cafe) October 11, 2022
कौन करता है राजकीय शोक की घोषणा…
पुराने रूल्स के अनुसार, यह घोषणा केवल केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति ही कर सकता था. मगर, हाल में ही बदले नियमों के मुताबिक, अब राज्यों को भी यह अधिकार दिया जा चुका है. अधिकारों के तहत राज्य सरकार यह तय कर सकती हैं कि किसे राजकीय सम्मान देना है और किसे नहीं. कई बार राज्य और केंद्र सरकार अलग-अलग राजकीय शोक घोषित करते हैं. ऐसा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर केंद्र और राज्य सरकारों ने किया था.
जानें राजकीय शोक के नियम…
देश के पीएम, किसी राज्य के सीएम और पूर्व व वर्तमान केंद्रीय मंत्रियों का जब निधन होता था, तभी राजकीय शोक का ऐलान किया जाता था. लेकिन, अब यह सम्मान उन सभी हस्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र के नाम को ऊंचा करने के लिए काम किया है. उनके कद और काम को देखते हुए राज्य सरकार यह फैसला लेती है. अलग-अलग क्षेत्रों जैसे, राजनीति, कला, कानून, विज्ञान, साहित्य आदि में बड़ा योगदान देने वाले लोगों के सम्मान में राजकीय शोक घोषित किया जाता है.
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