मुहर्रम 2022: झांसी में ‘राई के दानों’ से बनता है ताजिया, बहुत पुराना है इस अनोखे ताजिये का इतिहास

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देश और प्रदेश भर के मुस्लिम धर्म के लोगों द्वारा मुहर्रम के पाक महीने में कई प्रकार के ताजिए बनाते हैं. वैसे तो ताजिया को बनाने के लिए चमकीली पॉलीथिन, थर्माकोल या कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है. मगर, यूपी के झांसी में मुहर्रम के पर्व पर हर साल एक अनोखा ताजिया बनाया जाता है, जोकि राई के दानों से तैयार किया जाता है.

राई के दानों से बना यह ताजिया शहर के नरिया चौराहे के पास रखा जाता है. इस ताजिया को पहली बार करीब 250 साल पहले बनाया गया था. बताया जाता है कि यह ताजिया बुंदेला राजाओं के जमाने से बनता आ रहा है.

वर्तमान में राई के दानों से ताजिया मोहम्मद रमजानी बनाते हैं. रमजानी ने बताया ‘सबसे पहले लकड़ी का एक ढांचा तैयार किया जाता है. उसके बाद उस पर कपड़ा लगाया जाता है. कपड़े के ऊपर रुई बिछाई जाती है. इस रुई पर राई के दाने बिछाए जाते हैं. उन पर पानी छिड़का जाता है. 24 घंटे में राई की कोपल खिल जाती हैं. इस पूरी प्रक्रिया में उन्हें कुल 10 दिन लगते हैं. हिंदू व मुसलमान सभी यहां इबादत करने आते हैं.’

रमजानी ने बताया कि लगभग 250 सालों पहले उनके पूर्वजों ने पहली बार यह ताजिया बनाया था. ऐसा ताजिया आस पास के 7 जिलों में और कहीं नहीं बनाया जाता है. उनका पूरा परिवार ग्वालियर से खासतौर पर इस ताजिया को तैयार करने के लिए ही झांसी आता है. वह अपने पोतों के साथ ताजिया बनाने झांसी आते हैं.

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