‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा फिल्म ‘रिव्यू’

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अनिल कपूर, राजकुमार और सोनम कपूर की फिल्म आज  ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ रिलीज हो गई है। फिल्म एक लव स्टोरी है। पहली नजर का प्यार।

फिल्म की कहानी अपने पारम्परिक अंदाज में शुरू होती है,जहां लेखक-निर्देशक साहिल मिर्जा (राजकुमार राव) को स्वीटी (सोनम कपूर) को देखते ही पहली नजर में प्यार हो जाता है।

प्यार का मारा ये आशिक हंसमुख और मजाकिया छत्रो (जूही चावला) के साथ नाटक और टैलंट हंट के बहाने स्वीटी के गांव मोगा पहुंच जाता है। स्वीटी मोगा में अपने पिता बलबीर चौधरी (अनिल कपूर), बीजी (मधुमालती कपूर), वीरजी (अभिषेक दुहान), सीमा पाहवा और बृजेंद्र काला के साथ रहती है।

साहिल तरह-तरह के पापड़ बेलकर स्वीटी के पास अपने प्यार का इजहार करने पहुंचता है, मगर उस वक्त वह भौंचक्का रह जाता है, जब स्वीटी उसे बताती है कि वह उससे या किसी लड़के से नहीं बल्कि लड़की कुहू (रेजिना कैसेंड्रा ) से प्यार करती है। स्वीटी के इस राज का हमराज उसका भाई है, मगर क्या साहिल इस सच्चाई को सह पाएगा? क्या समाज स्वीटी के दूसरों से अलग होने को स्वीकार कर पाएगा? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

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निर्देशक शैली धर चोपड़ा की यह पहली फिल्म है, जहां उन्होंने ऐसे रिश्ते को कहानी में पिरोया है, जिसे कानून ने मान्यता तो दे दी है, मगर समाज अभी भी हेय दृष्टि से देखता है। समाज समलैंगिकता को कुदरती समझने के बजाय बीमारी की निगाह से देखता है।

जहां तक निर्देशन की बात है, तो फिल्म फर्स्ट हाफ में धीमी गति से आगे बढ़ती है, मगर सेकंड हाफ में जब यह मुद्दे पर आती है तो दिलचस्प होने के साथ-साथ संवेदनशील भी हो उठी है। फिल्म का स्क्रीनप्ले सुस्त है और क्लाइमैक्स फिल्मी होने के साथ-साथ प्रिडिक्टेबल भी। लेखक-निर्देशक सोनम-रेजीना की रिलेशनशिप ट्रैक को और गहराई देती, तो फिल्म आला दर्जे की बन सकती थी।

अभिनय की बात की जाए तो किरदार के अनुसार स्वीटी के रूप में सोनम ने अपनी मासूमियत बरकरार रखी है, मगर अपनी समलैंगिक पार्टनर रेजिना के साथ उनकी स्ट्रॉन्ग केमिस्ट्री नजर नहीं आती। हालांकि, उन्होंने समाज में समलैंगिक होने के श्राप को अच्छे ढंग से दर्शाया है।

पिता के रूप में अनिल कपूर ने बहुत उम्दा काम किया है। लगता है रियल लाइफ केमिस्ट्री रील लाइफ में भी काम कर गई। राजकुमार राव अपने सहज और सौम्य अंदाज में नजर आए हैं। जूही चावला अपनी कॉमिक टाइमिंग से फिल्म को राहत देती हैं। जूही और अनिल को लंबे अरसे बाद परदे पर देखना अच्छा लगता है। रेजिना का चरित्र उथला-उथला लगता है। सपॉर्टिंग कास्ट में मधुमालती कपूर, सीमा पाहवा, बृजेंद्र काला और अभिषेक दुहान ने अच्छा काम किया है।

रोचक कोहली के संगीत में ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ टाइटल ट्रैक काफी पसंद किया जा रहा है। मिर्ची टॉप 20 की लिस्ट में यह गाना सोलहवें पायदान पर है।

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