मोरक्को ने बनाया सहारा रेगिस्तान में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट
मोरक्को ने दुनिया का सबसे बड़ा सोलर फार्म बनाया है. भविष्य में वह अक्षय ऊर्जा से ही बिजली पैदा करेगा. इससे वह पेट्रोल, डीजल और कोयला आधारित ऊर्जा का इस्तेमाल बंद कर देगा. यह सौर ऊर्जा संयंत्र धूप न होने पर भी बिजली देगा.
मोरक्को ऊर्जा उत्पादन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहता है. मोरक्को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता है. यह सोलर फार्म दुनिया के लिए जरूरी माना जा रहा है. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार है. इस फार्म से मोरक्को के जरुरत की 35% रीन्यूएबल एनर्जी पैदा होगी. ये प्लांट सहारा रेगिस्तान में 3000 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. इस पावर पलांट का साइज 3500 फुटबाल मैदानों जितना है. इस पूरे प्रोजेक्ट से 580 मेगावाट बिजली मिलेगी. इस प्रोजेक्ट का नाम है- The Noor-Ouarzazate complex.
विश्व बैंक के अनुसार, मोरक्को अपनी ऊर्जा का 97% कोयला, पेट्रोल और अन्य देशों से खरीदे गए डीजल से पैदा करता है. पूरी दुनिया में जीवाश्म ईंधन ईंधन खत्म होते जा रहे हैं. ऐसे में अक्षय ऊर्जा की जरूरत है.
इस परियोजना से भविष्य में कोयले, पेट्रोल और डीजल की कमी से बचा जा सकता है. इसलिए मोरक्को के लिए यह प्रोजेक्ट काफी अहम है. मोरक्को सरकार इस परियोजना से जरूरत का 42 फीसदी उत्पादन करना चाहती है.
580 मेगावाट बिजली से 7.60 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन की बचत होगी. यानी धरती को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा. मोरक्को के 25 लाख टन तेल के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भरता होगी.
यह प्लांट पुराने सौर पैनलों से कॉफी अलग है. यह सीधे बिजली ग्रिड को बिजली ट्रांसफर करेगा. सौर पैनल सूर्य के प्रकाश को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं. इससे गर्मी पैदा होती है. यह ऊष्मा पैनल के नीचे पाइप में भरे तरल नमक को गर्म करती है.
यह तरल नमक भाप बनकर टर्बाइन की ओर जाता है. भाप के दबाव से टर्बाइन तेजी से चलता है, जिससे बिजली पैदा होती है. सूरज ढलने के बाद भी गर्म नमक की मौजूदगी से बिजली पैदा होती रहती है.
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