Milkipur Assembly: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट आज जनता के सामने आ चुका है. गजब की बात तो ये है कि, मिल्कीपुर वोटिंग पर पैनी नजर रखने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मतगणना ने होश उड़ा दिया है. जी हां, बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने भारी मतों से एक बड़ी जीत हासिल की है. जिसके चलते अखिलेश बाबू तिलमिला उठे है. और तो और जब उन्हें ये पता चला कि बीजेपी के चंद्रभानु पासवान 31093 (इकतीस हज़ार तिरानबे)से अधिक वोटों पर जीत दर्ज की हैं, मानों अखिलेश की बीपी हाई होने लगी. इसकी वजह भी साफ है. मिल्कीपुर सीट पर जीत की डुगडुगी पीटने वाले सपा के प्रत्याशी अजीत प्रसाद 27234 (सत्ताईस हज़ार दो सौ चौंतीस) वोट ही हासिल कर सके हैं.
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अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा
ये आकड़ें देख अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधते हुए भाजपा पर मतगणना में हेराफेरी का आरोप लगाने लगे. इस रवैये से नाराज भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि, “मिल्कीपुर का सकारात्मक परिणाम इस बात का प्रतीक है कि समाजवादी पार्टी का लोकसभा का अहंकार बुरी तरह से टूट रहा है. ऐसे में ये साफ जाहिर होता है कि मिल्कीपुर वासियों ने सचमुच भाजपा के काम को स्वीकार कर लिया है. अब तो अखिलेश को अपनी हार स्वीकार कर लेनी ही चाहिए.
बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने सपा के अजीत प्रसाद को दी मात
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को हराते हुए एक बड़ी जीत दर्ज की है. 39 वर्षीय चंद्रभानु पेशे से वकील और व्यवसायी हैं, जिनकी पकड़ राजनीति में पहली बार होने के नाते भी उन्होंने मिल्कीपुर चुनाव में गजब की बाजी मारी है. उनके पिता ग्राम प्रधान रह चुके हैं जबकि पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं.
मिल्कीपुर में इससे पहले 1998 और 2004 में हुए उपचुनाव सपा के पक्ष में रहे थे. खास बात तो ये है कि मिल्कीपुर में भाजपा ने जातीय समीकरण को अपनाते हुए इस चुनाव पर जीत दर्ज की है.