BHU में मेसो रेक्स बाईपास सर्जरी शुरू, बच्चों को मिलेगी बेहतर सुविधा
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर्जन डॉक्टर वैभव पांडे ने उन बच्चों के लिए मेसो रेक्स बाईपास सर्जरी शुरू की है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर्जन डॉक्टर वैभव पांडे ने उन बच्चों के लिए मेसो रेक्स बाईपास सर्जरी शुरू की है, जो ईएचपीवीओ (बाह्य यकृत पोर्टल शिरा रुकावट) से पीड़ित हैं. यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसके लिए पहले मरीजों को एसजीपीजीआई, लखनऊ या एम्स, नई दिल्ली जैसे विशेष केंद्रों पर रेफर किया जाता था.
इस संबंध में डॉ. वैभव पांडे ने बताया है कि पिछले एक महीने में हमने मेसो रेक्स बाईपास का दूसरा सफल केस पूरा किया है. इस जटिल सर्जरी में, अवरुद्ध पोर्टल शिरा को गर्दन से ली गई. इसमें आंतरिक जुगुलर शिरा के ग्राफ्ट से बाईपास किया जाता है.
मेसो रेक्स बाईपास सर्जरी की प्रकिया
इस प्रोसेस में लीवर, पेट तथा गर्दन की शिराओं का सूक्ष्मतापूर्वक विच्छेदन (काट या छेदकर अलग करने की क्रिया) की जाती है. सभी शिराएं तैयार पेट की शिराओं और गर्दन की शिराओं का सूक्ष्मतापूर्वक विच्छेदन किया जाता है. जब सभी शिराएं तैयार हो जाती हैं, तब गर्दन की शिरा के ग्राफ्ट के माध्यम से लीवर की शिराओं का बाईपास कर सामान्य रक्त प्रवाह बहाल किया जाता है.
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ईएचपीवीओ एक स्थिति है जिसमें आंतों से लीवर में खून ले जाने वाली शिरा अवरूद्ध हो जाती है, जिससे गंभीर जटिलताएं उत्पन्न होती हैं. इनमें अचानक और जानलेवा रक्तस्राव भी शामिल है. इनमें से कई बच्चे खून की उल्टी के साथ आते हैं, जो कई मामलों में घातक हो सकती है.
बीएचयू में सर्जरी लागत अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल से कम
डॉ. वैभव ने बताया कि मेसो रेक्स बाईपास सर्जरी की शुरुआत के साथ अब इन रोगियों के लिए सबसे उन्नत और शारीरिक रूप से स्वाभाविक बाईपास प्रक्रिया संभव है. उचित रूप से चयनित मरीजों पर की गई इस सर्जरी के अच्छे परिणाम होते हैं और मरीजों को दीर्घकालिक राहत मिलती है.
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जहां इस सर्जरी की लागत एक निजी अस्पताल में लगभग पांच लाख रुपए हो सकती है. वहीं बीएचयू में यह लागत अधिकतम 20 हजार रुपए के बीच रखी गई है.