कभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए उछला था सिन्हा का नाम

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वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत की जीत के बाद तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम भी मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर उछल रहा था, हालांकि बाद में पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को सूबे की कमान सौंपी थी। दो साल बाद गाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी और सरकार में उनके समायोजन को लेकर अटकलें लग रहीं थीं, लेकिन अब उन्हें बतौर उपराज्यपाल (एलजी) जम्मू-कश्मीर की कमान सौंपी गई है। अपनी साफ-सुथरी छवि के कारण प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले सिन्हा को पिछले एक साल से राज्यसभा भेजने की अटकलें लगतीं रहीं थीं, लेकिन एलजी के तौर पर मोदी सरकार ने उनका नाम आगे बढ़ाया।

बीजेपी के अंदरखाने में मनोज सिन्हा को लेकर चचाएं

राष्ट्रपति सचिवालय से गुरुवार को उन्हें एलजी बनाने की सूचना जारी होते ही लोग चौंक पड़े, क्योंकि उनका नाम चर्चा में ही नहीं था। वजह कि गाजीपुर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी के अंदरखाने में मनोज सिन्हा को लेकर दो तरह की चचाएं चल रहीं थीं।

Manojपहली चर्चा थी कि प्रधानमंत्री मोदी उन्हें राज्यसभा भेजकर फिर से मंत्री बना सकते हैं, दूसरी चर्चा थी कि उन्हें जेपी नड्डा की राष्ट्रीय टीम में उपाध्यक्ष या महासचिव की जिम्मेदारी मिल सकती है। लेकिन गुरुवार को दोनों चचार्ओं पर विराम लग गया।

बीएचयू में छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर राजनीति की शुरूआत

1 जुलाई 1959 को गाजीपुर के मोहनपुरा में जन्मे मनोज सिन्हा वर्ष 1996, 1999 और 2014 में जिले की सीट से सांसद रह चुके हैं। बीएचयू में छात्र संघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर राजनीति की शुरूआत करने वाले मनोज सिन्हा वर्ष 1989 में बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बने।

1996 में पार्टी के टिकट पर पहली बार गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद बने। 2014 में गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीतने पर पिछली मोदी सरकार में उन्हें रेल राज्य मंत्री और दूरसंचार मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी।

Manoj Sinha

अपनी परंपरागत सीट गाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव वह सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी और माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से 1,19,392 वोटों के भारी-भरकम अंतर से हार गए थे। जब राष्ट्रपति सचिवालय से जम्मू-कश्मीर का उन्हें अगला लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाने की सूचना आई।

गिरीश चंद्र मुर्मू के 5 अगस्त को इस्तीफा देने के अगले दिन ही मनोज सिन्हा को जम्मू.कश्मीर के उपराज्यपाल पद की जिम्मेदारी मिली है।

मनोज सिन्हा

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