पुलिस पर लगे दाग को और गहरा कर रहा मनीष गुप्ता का आखिरी फोन कॉल, पुलिस की थ्योरी पर उठ रहे सवाल

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गोरखपुर में मनीष गुप्ता मर्डर को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस मर्डर केस में यूपी पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। रामगढ़ताल थाने के पुलिसवालों पर कारोबारी मनीष की पीट-पीटकर हत्या का आरोप है।

मौत से पहले अपने एक रिश्तेदार से मनीष गुप्ता की बातचीत हुई थी। यह मनीष का आखिरी फोन कॉल बताया जा रहा है जिसमें वो अपने भतीजे दुर्गेश से बात कर रहे हैं।

इस दौरान वो दुर्गेश को उनके कमरे में पुलिस आने की बात बता रहे हैं। इस कॉल के दौरान तेज शोर शराबा लगातार सुना जा सकता है।

क्या हुई मनीष और दुर्गेश के बीच बातचीत

मनीष गुप्ता- हां बेटा

दुर्गेश- कौन से होटल में हैं आप?

मनीष गुप्ता- हम कृष्णा इन में हैं गोरखपुर

दुर्गेश- कृष्णा इन गोरखपुर। क्या कर रहे हैं ये लोग?

मनीष गुप्ता- हम लोग सो रहे थे। अचानक से रूम में आए हैं।

दुर्गेश- जी।

मनीष गुप्ता- (आवाज़ साफ नहीं आती)

दुर्गेश- क्या कह रहे हैं?

मनीष गुप्ता की और से फोन में बहुत सारे लोगों की बातचीत की आवाज़े आ रही हैं। दुर्गेश सब सुन रहे हैं।

मनीष गुप्ता- दुर्गेश बेटा।

दुर्गेश- जी-जी

फिर मनीष गुप्ता की ओर से बहुत सी आवाज़े आ रही हैं। दुर्गेश को कुछ समझ नहीं आ रहा है।

दुर्गेश- चेन इन क्लीयर किया तो अचानक से ये लोग होटल में क्यों आए?

मनीष गुप्ता- रेग्यूलर चेकिंग कह रहे हैं।

पीछे से बहुत शोर शराबा आ रहा है। मनीष किसी से बात करते हुए कहते हैं- सर, सर, सर, सर फालतू में…

दुर्गेश- जी।

मनीष गुप्ता- बात खराब हो रही है अब।

दुर्गेश- क्या कह रहे हैं ये लोग ?

मनीष गुप्ता- हम लोगों को थाने ले जा रहे हैं बेटा। बिना किसी वजह।

दुर्गेश- रुकिए मैं अभी बात कर रहा हूं एसपी से।

मनीष गुप्ता- हां।

पीछे लगातार तेज़ आवाज़े आ रही हैं। शोर शराबा फोन पर साफ सुनाई दे रहा है।

दुर्गेश- इनसे बात कराईए जरा..

अचानक फोन कॉल बंद हो गई और मनीष गुप्ता किसी से बात नहीं करा पाए।

पुलिस ने की मनीष के साथ मारपीट-

दरअसल, पीछे से जो शोर शराबे की आवाज़ आ रही थी वो आरोपी पुलिस वाले थे चीख रहे थे। वो मनीष के कॉल करने से भी नाराज हो रहे थे। इसी के बाद कमरे में मनीष के साथ आरोपी पुलिसवालों मारपीट की और मनीष को लहूलुहन कर दिया।

फिर उन्हें घसीटते हुए नीचे ले गए और बाहर ले जाकर जीप में डाल दिया। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिसवालों का नशा का काफूर हो गया और वो अपने इस संगीन गुनाह के सबूत मिटाने में जुट गए।

क्या है पूरा मामला ?-

आरोप है कि कानपुर से आए प्रापर्टी डीलर मनीष कुमार गुप्‍ता (36 वर्ष) हरियाणा गुड़गांव के रहने वाले दोस्त अरविंद सिंह और दिल्‍ली के रहने वाले प्रदीप के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित कृष्‍णा पैलेस के 512 नंबर कमरे में ठहरे थे।

यहां वो अपने दोस्‍त चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से मिलने के लिए आए थे। सोमवार देर रात अचानक कुछ पुलिसकर्मी उनके कमरे में घुसे और पहचान पत्र मांगने लगे। इस पर मनीष ने कहा कि इतनी रात में पुलिस क्यों आई है? हम आतंकवादी थोड़े हैं।

मनीष ने कहा कि सोते इंसान को उठाकर परेशान कर रहे हैं। यह सुनते ही पुलिस कर्मी नाराज हो गए और मारपीट करने लगे। आरोप है कि मारपीट के दौरान मनीष गुप्ता को गंभीर चोटें आईं। इससे पुलिस कर्मी घबरा गए।

नाक और मुंह से बह रहा था खून

पुलिस कर्मी होटल के कमरे से मनीष को लिफ्ट में लाए। बताया जा रहा है कि जब पुलिस मनीष को नीचे लाए तो उसकी नाक और मुंह से खून बह रहा था। फिर पुलिस की जीप से उन्हें लेकर छात्रसंघ चौराहे के पास मानसी हॉस्पिटल ले गए।

अस्पताल के चिकित्सकों ने मनीष की हालत गंभीर बताई। लिहाजा, पुलिस कर्मियों ने एंबुलेंस बुलाकर मनीष को अकेले ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। देर रात ही पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।

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