महाराजा की हुई घर वापसी, क्या वापस से पूरा होगा JRD का सपना?

नरेंद्र मोदी सरकार के इस विनिवेश से शायद आज पूरा देश खुश है। इस बार उसने भी हल्ला नहीं मचाया और "महाराजा" को शांति से अपने बाबुल के घर वापस जाने दिया।

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लंदन: नरेंद्र मोदी सरकार के इस विनिवेश से शायद आज पूरा देश खुश है। जब कभी विनिवेश की बात की जाती थी तो प्रतिपक्ष लोक सभा से वाक आउट कर तीखे बयानबाजी करता था। इस बार उसने भी हल्ला नहीं मचाया और “महाराजा” को शांति से अपने बाबुल के घर वापस जाने दिया। हम बात कर रहे हैं एयर इंडिया की, जो कि भारत सरकार के अधीनता से वापस अपने घर यानी टाटा ग्रुप्स के पास वापस जा चुका है।

1932 में जेआरडी टाटा ने भारत में पहली बार उड़ाया था हवाई जहाज़:

एयर इंडिया की शुरुआत टाटा एयर सर्विसेज के रूप में हुई थी, बाद में इसका नाम बदलकर टाटा एयरलाइंस कर दिया गया। जिसकी स्थापना एक भारतीय एविएटर और बिजनेस टाइकून टाटा संस के जे।आर।डी। ने की थी। अप्रैल 1932 में, टाटा ने इंपीरियल एयरवेज के लिए मेल ले जाने का एक अनुबंध जीता और टाटा संस के विमानन विभाग का गठन दो सिंगल-इंजन डे हैविलैंड पुस मोथ्स के साथ किया गया। 15 अक्टूबर 1932 को, टाटा ने कराची से बॉम्बे (वर्तमान में मुंबई) के लिए हवाई डाक ले जाने वाला एक पुस मोथ उड़ाया और विमान मद्रास (वर्तमान में चेन्नई) के लिए जारी रहा।  जो कि रॉयल एयर फोर्स के पूर्व पायलट और टाटा के मित्र नेविल विंसेंट द्वारा संचालित किया गया था। एयरलाइन के बेड़े में एक पुस मोथ विमान और एक डे हैविलैंड लेपर्ड मोथ शामिल थे। प्रारंभिक सेवा में अहमदाबाद और बॉम्बे के माध्यम से कराची और मद्रास के बीच साप्ताहिक एयरमेल सेवा शामिल था। संचालन के अपने पहले वर्ष में, एयरलाइन ने 160,000 मील (260,000 किमी) की उड़ान भरी, जिसमें 155 यात्री और 9।72 टन (10।71 टन) मेल थे। उस समय 60,000 (यूएस $800) का लाभ कमाया।

1962 में दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बनी जिसके सारे जहाज जेट विमान:

21 फरवरी 1960 को, एयर इंडिया इंटरनेशनल ने अपना पहला बोइंग 707-420 शामिल किया।  जिससे जेट एज में प्रवेश करने वाली पहली एशियाई एयरलाइन बन गई। एयरलाइन ने 14 मई 1960 को न्यूयॉर्क के लिए सेवाओं का उद्घाटन किया। 8 जून 1962 को, एयरलाइन का नाम आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया कर दिया गया और 11 जून 1962 को, एयर इंडिया दुनिया की पहली ऑल-जेट एयरलाइन बन गई।

1971 में महाराजा ने आसमान की महारानी को लाया था भारत:

1971 में, एयरलाइन ने सम्राट अशोक (पंजीकृत VT-EBD) नाम के अपने पहले बोइंग 747-200B की डिलीवरी ली और स्काई पोशाक और ब्रांडिंग में एक नया पैलेस पेश किया। 1986 में, एयर इंडिया ने अपने पहले एयरबस A310-300 की डिलीवरी ली। 1993 में, एयर इंडिया ने कोणार्क (पंजीकृत VT-ESM) नामक बोइंग 747-400 का डिलीवरी लिया और न्यूयॉर्क और दिल्ली के बीच पहली नॉन-स्टॉप उड़ान संचालित की। आज एयर इंडिया के पास चार बोइंग 747-400 विमान हैं।

क्या है आगे का सफर ?

यूं तो महाराजा की घर वापसी हो गई है, तत्काल प्रभाव से पहली विमान सेवा जो कि कई सालों बाद टाटा के हाथ में आई है।  उसमे खाने पीने की सेवाओं को अपग्रेड किया गया है, खुद रतन टाटा ने ये विश्वास दिलाया है कि एयर इंडिया बहुत ही जल्दी अपने स्वर्णिम काल में वापस से पहुंच जाएगी। एग्रीमेंट के हिसाब से भारत सरकार ने 28 बोइंग 787 ड्रीमलीनेर विमान की लीज को खत्म करके पूरा मालिकाना हक़ टाटा को सौंप दिया है।

क्या एयर इंडिया और विस्तारा का होगा विलय ?

एयर इंडिया की घर वापसी के बाद मार्केट में बड़ी तेज़ी से ये अटकले लगाई जा रही है कि विस्तारा जो की टाटा और सिंगापुर इंटरनेशनल एयरलाइन्स का एक वेंचर है उसमे महाराजा को मिलाया जा सकता है। हालांकि नटराजन चंद्रशेखरन जो टाटा ग्रुप के मौजूदा समय के सीईओ और चेयरमैन हैं उन्होंने इस बात का खंडन कर दिया है।

 

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