महाकुंभः डबल इंजन को आर्थिक लाभ, 3.50 लाख करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर

महाकुंभ टर्नओवर

लखनऊ. महाकुंभ उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के लिए आर्थिक समृद्धि के दरवाजे खोल गया है. प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ आयोजन में 66.30 करोड़ लोगों के आने से 3.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हुआ है. इसके चलते राज्य की जीडीपी में कम से कम 1% वृद्धि का अनुमान है.

रेल, हवाई यात्रा और परिवहन को मिला लाभ

महाकुंभ के लिए 2000 हवाई उड़ानों का संचालन किया गया. दिल्ली और मुंबई की उड़ानों के टिकट 30 हजार से 60 हजार रुपये तक पहुंच गए. रेलवे ने भी हजारों ट्रेनें चलाईं, जिससे सरकार को आय हुई. उधर प्रयागराज और आसपास के जिलों में वाहनों की आवाजाही बढ़ने से डीजल-पेट्रोल की खपत में 13% की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

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अन्य राज्यों को भी फायदा

मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात समेत कई राज्यों के बस ऑपरेटरों ने महाकुंभ के दौरान प्रति यात्री 60 हजार रुपये तक किराया वसूला.

हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर बढ़ी आवाजाही

महाकुंभ के दौरान आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या बढ़ी. इससे यूपीईडा और नेशनल हाईवे अथॉरिटी को टोल टैक्स से भारी राजस्व प्राप्त हुआ.

वैश्विक अध्ययन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

महाकुंभ के आर्थिक प्रभावों का अध्ययन हार्वर्ड विश्वविद्यालय, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईटी कानपुर, लखनऊ विश्वविद्यालय समेत कई संस्थान कर रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर महाकुंभ का प्रभाव

1. निवेश और टर्नओवर
महाकुंभ के आयोजन पर 7.5 हजार करोड़ रुपये का सरकारी और निजी खर्च हुआ, लेकिन इसके बदले प्रदेश को 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर मिला.

2. यूपी की जीडीपी पर असर
उत्तर प्रदेश की अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है. महाकुंभ से उत्पन्न आर्थिक गतिविधियों के कारण राज्य की जीडीपी में 1% की अतिरिक्त वृद्धि की उम्मीद जताई गई है.

3. जीडीपी वृद्धि दर
यूपी की जीडीपी वृद्धि दर 11.6% रहने का अनुमान है, जो कि राष्ट्रीय औसत 9.6% से अधिक है. यानी यूपी की अर्थव्यवस्था देश के औसत से तेज़ी से आगे बढ़ रही है.

4. प्रयागराज की जीडीपी 68,727.11 करोड़ रुपये
महाकुंभ के 45 दिनों में 66.30 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे. इतने बड़े पैमाने पर लोगों के आने से होटल, भोजन, परिवहन, धार्मिक वस्तुओं और स्थानीय व्यापार में जबरदस्त उछाल आया.
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन बल्कि यह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा आर्थिक इंजन साबित हुआ. सरकारी और निजी निवेश से राज्य को कई गुना अधिक आर्थिक लाभ मिला. इससे न केवल जीडीपी में वृद्धि हुई बल्कि लाखों लोगों को अस्थायी और स्थायी रोजगार भी मिला.