नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-25 में अगर आप टैक्स बचाने की योजना बना रहे हैं, तो 31 मार्च से पहले जरूरी निवेश कर लें. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए दो विकल्प- ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम उपलब्ध हैं. हालांकि, न्यू टैक्स रिजीम में कई छूट और कटौतियों का लाभ नहीं मिलता, जो ओल्ड टैक्स रिजीम में उपलब्ध है. इसके बावजूद, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फाइल किए गए ITR में से 74% टैक्सपेयर्स ने न्यू टैक्स रिजीम को चुना.
न्यू टैक्स रिजीम में नहीं मिलेंगे ये फायदे
अगर आप न्यू टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो HRA, LTA, सेक्शन 80C और 80D के तहत मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स का दावा नहीं कर पाएंगे. यानी अगर आपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, मेडिकल इंश्योरेंस, पीपीएफ या अन्य टैक्स सेविंग निवेश किए हैं, तो उनका फायदा न्यू टैक्स रिजीम में नहीं मिलेगा.
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ओल्ड टैक्स रिजीम में मिल सकता है अधिक फायदा
जो लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर विकल्प हो सकता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठाया जा सकता है.
इसके तहत निम्नलिखित खर्चों पर टैक्स डिडक्शन मिलेगा:
- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर किया गया निवेश
- पीपीएफ, ईपीएफ, एनपीएस में किया गया निवेश
- बच्चों की स्कूल या ट्यूशन फीस
बच्चों की शिक्षा पर भी मिलेगा टैक्स डिडक्शन
सेक्शन 80C के तहत दो बच्चों तक की स्कूल या ट्यूशन फीस पर भी टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई टैक्सपेयर अपने दो बच्चों की स्कूल फीस पर हर साल 1 लाख रुपये खर्च करता है, तो वह इस पूरी रकम पर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकता है.
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31 मार्च से पहले निपटा लें ये काम
अगर आपने अब तक टैक्स सेविंग निवेश नहीं किया है या थोड़ा और करना चाहते हैं, तो 31 मार्च 2025 से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लें. ओल्ड टैक्स रिजीम में निवेश करके आप अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं. इसलिए, ITR फाइल करने से पहले यह तय कर लें कि कौन सा टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद रहेगा.