कृष्णानंद राय हत्याकांड : एके-47 से 400 राउंड फायरिंग, विधायक की निर्मम हत्या, आरोपी कोई नहीं

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साल 2005 में हुई भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ने हैरान करने वाला फैसला सुनाया। इस मामले में बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है।

बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की साल 2005 में एके-47 से भूनकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप से बरी हुए पांचों लोगों में मुन्ना बजरंगी की पिछले साल जेल में हत्या कर दी गई थी।

इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया था। हत्यारों को सजा दिलाने की मांग को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। बाद में इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा गया था। अब करीब 13 साल की सुनवाई के बाद मुख्तार अंसारी समेत पांच आरोपियों को सबूतों की कमी का हवाला देकर बरी कर दिया।

क्या था मामला ?

गाजीपुर मे 29 नवंबर 2005 की शाम भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामाशंकर राय, भांवरकोल ब्लाक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव व उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय की हत्या कर दी।

जब विधायक कृष्णानंद राय का काफिला बसनिया चट्टी से आगे बढ़ा। उसी समय घात लगाकर बैठे अपराधियों ने अचानक उनके काफिले पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। कहते हैं कि हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 राउंड फायरिंग हुई थीं। मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गईं। यही नहीं मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि कृष्णानंद राय अपने बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं।

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