जानें कब शेख हसीना ने ली थी भारत में शरण, पढ़ें चार बार की पीएम की कहानी…

बांग्लादेश में भीषण आगजनी और हिंसा के बीच हालात काफी ख़राब हो गए हैं. इसके बाद हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. इसके बाद हसीना सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत पहुंच गई हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि शेख हसीना का राजनैतिक इतिहास क्या रहा है.

हसीना के पूरे परिवार की हुई थी हत्या…

बता दें कि हसीना का जन्म 28 सितम्बर 1947 को ढाका में हुआ था. उनके पिता बांग्लादेश के संस्थापक थे. कहा जा रहा है कि हसीना अपने घर की छोटी बेटी है और उनका जीवन ढाका में ही गुजरा है. उन्होंने राजनीति में कदम एक छात्र नेता के रूप में रखा था. हसीना बंगलदेश की यूनिवर्सिटी ऑफ ढाका में सक्रिय रहीं और राजनीति करती रहीं. लोगों से प्रशंसा मिलने के बाद हसीना ने अपने पिता की आवामी लीग के स्टूडेंट विंग को संभाला था. पार्टी संभालने के बाद शेख हसीना बुरे दौर से गुजरीं जब उनके माता-पिता और तीन भाईयों की हत्या कर दी गई थी. यह बात साल 1975 की है.

पिता की हत्या के बाद ली थीं भारत में शरण…

बता दें कि शेख हसीना ने अपने पिता की मौत के बाद भारत में शरण ली थी. उस समय भारत में इंदिरा गांधी की सरकार थी. घरवालों के जाने के बाद शेख हसीना कुछ समय के लिए जर्मनी चली गईं. शेख हसीना के भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से अच्छे रिश्ते थे. इसके बाद इंदिरा ने हसीना को भारत बुलाया और उन्हें शरण दी. इसके बाद 1991 में वह फिर अपने देश चली गईं. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी ज्वाइन की और कार्यभार संभाला.

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1996 में पहली बार बनीं प्रधानमंत्री…

बता दें कि शेख हसीना पहली बार 1996 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं और 2001 तक अपना कार्यकाल पूरा किया. बता दें कि स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री का पूरा कार्यकाल करने वाली हसीना पहली महिला बनी थीं. इससे पहले बांग्लादेश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए किसी ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था. इस कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत सरकार के साथ गंगा नदी पर 30 साल के जल बंटवारे की संधि पर भी हस्ताक्षर किए थे.

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लगातार चार बार बन चुकी हैं प्रधानमंत्री…

गौरतलब है कि शेख हसीना 2009 से प्रधानमंत्री पद संभाले हुई थीं. इस बीच उनके इस्तीफे ने सब को हैरान कर दिया है. इतना ही नहीं हसीना बांग्लादेश की चार बार प्रधानमंत्री भी बनी हैं.