‘स्वाइन फ्लू’ से अबतक 14 की मौत, जाने, कैसे करें बचाव
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के इलाकों में स्वाइन फ्लू के मामले काफी बढ़ गए हैं और अब तक इससे 14 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 59 नए लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। बता दें कि अबतक 1488 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं, अगर बारिश अच्छी हो जाती है तो इस बीमारी से राहत मिलेगी। स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से 27 अगस्त को एक और मासूम की मौत हो गई। आपको बता दें कि साल 2009 से लेकर 2015 तक भारत के अलग-अलग राज्यों में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे।
2009 में इसे सबसे पहले मैक्सिको में पहचाना गया
अप्रैल 2009 में इसे सबसे पहले मैक्सिको में पहचाना गया था। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 10 अगस्त, 2010 में इस महामारी के खत्म होने का भी ऐलान कर दिया था।
क्या हैं H1N1 के लक्षण ?
स्वाइन फ्लू के चपेट में आने पर बुखार, भूख की कमी, थकान, खांसी और जुकाम होने लगता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को उल्टी और दस्त की भी शिकायत हो जाती है। मांसपेशियों में दर्द या अकड़न होने लगती है। सिर में तेज दर्द होने लगता है।
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कैसे फैलती है ये बीमारी?
किसी संक्रमित व्यक्ति के छींकने खांसने से या फिर उनके छींकने के समय निकली छींटे किसी के ऊपर पड़ती हैं और वो इंसान सांस के जरिए इसे अपने अंदर ले लेता है तो ये बीमारी उफसके अंदर फैल जाती है।, जब वो बात करते हैं खांसते या छींकते हैं। लोग संक्रमित हो सकते हैं अगर किसी व्यक्ति या ऐसी चीज़ को छूते हैं जो कि वायरस से दूषित है।
कैसे करें बचाव?
स्वाइन फ्लू से बचाव ही इसे कम करने का सबसे अच्छा उपाय है, आराम, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना । शुरुआत में पैरासीटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं।
बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।
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