सरकारी खर्चे पर नहीं पढ़ना चाहती हदिया, कोर्ट को दिया ये जवाब…

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केरल ‘लव जिहाद’ केस में सोमवार को कोर्ट में पेश हुईं हादिया ने अपना बयान दर्ज कराया। हादिया ने कोर्ट में साफ कहा कि उन्हें आजादी चाहिए और वह अपने पति से मिलना चाहती हैं। इस दौरान एनआईए ने कोर्ट में 100 पन्नों की जांच रिपोर्ट भी पेश की। यह पता नहीं चल सका है कि रिपोर्ट में क्या कहा गया है। फिलहाल अदालत ने हादिया को पढ़ाई जारी रखने की इजाजत देते हुए उन्हें कॉलेज भेजने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी।
सरकारी खर्चे पर नहीं पढ़ना चाहती हदिया
सुनवाई के दारौन चीफ जस्टिस ने हादिया से पूछा, ‘क्या आप सरकारी खर्चे पर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहेंगी?’ इस पर हादिया ने जवाब दिया, ‘मैं पढ़ाई जारी रखना चाहती हूं लेकिन सरकारी खर्चे पर नहीं। मेरे पति मेरा ख्याल रख सकते हैं।’ कोर्ट ने हादिया को पढ़ाई पूरी करने के लिए तमिलनाडु के सेलम भेजने का आदेश दिया। जहां वह कॉलेज के हॉस्टल में रहेंगी। तमिलनाडु सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी। एक महिला सुरक्षाकर्मी हर वक्त उनके साथ रहेगी।
कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा…
इसके पहले जब कोर्ट एनआईए का पक्ष सुन रहा था, तब हादिया के पति शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा, ‘हादिया यहां हैं, कोर्ट को उन्हें सुनना चाहिए, NIA को नहीं, उन्हें अपनी जिंदगी का फैसला करने का अधिकार है।’
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बालिग होने की वजह से खुद फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है हदिया
गौरतलब कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में टिप्पणी की थी कि लड़की बालिग है और उसकी इच्छा महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने कहा था कि बालिग होने की वजह से लड़की किसी के साथ भी जाने के लिए स्वतंत्र है। एनआईए ने इसके जवाब में कहा था कि उसे केरल में इस तरह के 89 मामलों में एक ही तरह का खास पैटर्न दिखा है। सुप्रीम कोर्ट के सामने पेशी के लिए रवाना होने से पहले भी हादिया ने केरल में रविवार को कहा था कि किसी ने भी उन्हें इस्लाम में धर्मांतरण के लिए मजबूर नहीं किया था। वह अपने 25 वर्षीय पति शफीन जहां के पास जाना चाहती हैं।
धर्म परिवर्तन कर अशोकन से बनी थीं हदिया
बता दें कि अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने कथित रूप से धर्म परिवर्तन कर शफीन जहां नाम के एक शख्स से निकाह किया था। लड़की के पिता के. एम. अशोकन ने केरल हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर शादी रद्द करने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया था कि लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और लड़के (शैफीन) का संबंध आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट संगठन से है। इसमें आरोप लगाया था कि पीएफआई के सदस्य हिंदू लड़कियों को भ्रमित कर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। केरल हाई कोर्ट ने हादिया और शैफिन की शादी को ‘रद्द’ कर दिया और लड़की को उसके पिता के हवाले करने का आदेश दिया।
साभार- नवभारत टाइम्स

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