सावन के आगमन के साथ ही कांवड़ यात्रा शुरू

0

सावन के महीने के आगमन के साथ ही बुधवार से एक पखवाडे़ तक चलने वाला कांवड़ मेला भी शुरू हो गया। इस दौरान शिवभक्त कांवड़िये हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों से पवित्र गंगा जल लेकर उसे अपने घर तथा गांवों के शिवालयों में अर्पित करेंगे।

आज पहले ही दिन दर्जनों कांवड़िये हरिद्वार पहुंचे और उत्तराखंड पुलिस को उम्मीद है कि इस साल कम से कम तीन करोड़ कांवड़िये प्रदेश का रुख करेंगे।

केसरिया वस्त्र पहने और कंधों पर कांवड़ उठाए कावंड़िये हरिद्वार के मुख्य स्नान घाट हर की पौडी तथा अन्य घाटों पर समूहों और टोलियों में सुबह से ही पहुंचने लगे हैं। ये कांवडि़ये उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र तथा बिहार जैसे राज्यों से लंबी दूरी तय कर यहां पहुंच रहे हैं।

उत्तराखंड पुलिस को उम्मीद है कि इस बार कम से कम तीन करोड़ कांवड़िये हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों से गंगा जल भरने के लिए पहुंचेंगे। कांवडि़यों के आगमन में तेजी मेले के आखिरी सप्ताह में आएगी और उस समय हरिद्वार, ऋषिकेश तथा आसपास का पूरा इलाका केसरिया हो जाता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कांवड़ियों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए उनकी सुरक्षित और सफल यात्रा की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ियों के लिए पेयजल समेत सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं।

उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कांवडि़यों को अपनी यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं आनी चाहिए।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि कांवड़ियों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले मार्गों पर करीब दस हजार पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, बम निरोधी तथा आतंकवादी निरोधी दस्ते की भी तैनाती की गयी है।

उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में चयनित स्थानों पर कड़ी निगाह रखने के लिए सीसीटीवी तथा ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं।

कुमार ने बताया कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मेले के दौरान संवेदनशील स्थानों पर सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हरिद्वार को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।

कुमार ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कांवडि़यों को व्यवस्थाओं तथा मार्गों के बारे में जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भरपूर उपयोग किया जाए।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More