नई दिल्ली: राममंदिर के पहले कार सेवक कामेश्वर चौपाल का आज दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में
निधन हो गया है. बताया जा रहा है की कामेश्वर चौपाल काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा था.इतना ही नहीं उन्होंने अगस्त 2024 को इसी अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांट कराया गया था.
प्रथम कार सेवक का मिला था दर्जा…
कामेश्वर चौपाल बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले थे. वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. कामेश्वर ने राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी. राष्ट्रीय स्वंय सेवक (RSS) ने प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था.
बिहार बीजेपी ने जताया गहरा दुख…
बता दें कि, कामेश्वर चौपाल के निधन पर भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई ने गहरा दुख व्यक्त किया है. विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए बिहार बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कामेश्वर चौपाल राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे थे.
VHP के संयुक्त सचिव थे…
बता दें कि, चौपाल का नाम पहली बार 9 नवंबर 1989 को पहली बार राम मंदिर शिलान्यास के दौरान आया था. उस दिन देशभर से हजारों साधु- संत और कार्यसेवक वहां झुके थे. इस ऐतिहासिक अवसर पर राम मंदिर कि पहली ईंट रखने का सौभाग्य मिला था. उसके बाद वह राजनीति में सक्रीय हो गए और 2002 में विधान परिषद् के सदस्य बने.
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पासवान के खिलाफ लड़े चुनाव…
बता दें कि, राम मंदिर में अहम् भूमिका निभाने के बाद BJP ने उन्हें चुनावी राजनीति में उतारा. कामेश्वर पहली बार 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़े और उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद 1995 में वह बेगूसराय की बखरी विधानसभा से चुनाव लड़े और इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद वह 2014 में लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली.