इजरायली निर्देशक नादव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कहा वल्गर, भड़के अनुपम खेर, सोशल मीडिया पर बवाल

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बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को लेकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ नाम की एक फिल्म बनाई थी. जिसको लेकर देशभर में बवाल मचा. कुछ लोगों ने फिल्म को बैन करने की मांग की तो कुछ ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को काल्पनिक बताया. वहीं, फिल्म रिलीज के 9 महीने होने के बाद एक बार फिर से इस पर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) का आयोजन हुआ. इस दौरान जूरी हेड और इजरायली के निर्देशक नादव लैपिड ने कहा कि ये भद्दी और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म है, इसका नाम इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के प्रतियोगिता खंड में देखकर मैं हैरान हूं. लैपिड के इस बयान पर फिल्म एक्टर अनुपम खेर भड़के हुए हैं, वहीं सोशल मीडिया पर अब विवाद जारी है.

22 नवंबर को गोवा में आयोजित आईएफएफआई में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग हुई थी. इस फिल्म फेस्टिवल में जूरी के हेड नादव लैपिड ने अपनी स्पीच के दौरान कहा

‘फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी परेशान और हैरान थे. यह मुझे एक प्रचार और अश्लील फिल्म की तरह लगी, जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए जरूरी नहीं है. मैं यहां पर आपके साथ इन भावनाओं को खुले तौर पर साझा करने में पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं. इस उत्सव की भावना में, हम निश्चित रूप से एक आलोचनात्मक चर्चा को भी स्वीकार कर सकते हैं, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है.’

रैपिड के इस बयान के बाद से अनुपम खेर ने नाराजगी जताई है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा

‘हम जूरी हेड और इजराइल के फिल्म मेकर नादव लैपिड को सही तरीके से जवाब देंगे. यहूदी नरसंहार सही है तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है. यह टूलकिट गैंग के एक्टिव होने के तुरंत बाद हुआ, लगता है प्री-प्लैंड था. उनके लिए इस तरह का बयान देना शर्मनाक है. एक यहूदी समुदाय से आने वाले, जिसने प्रलय का सामना किया, उसने ऐसा बयान देकर उन लोगों को भी पीड़ा दी है, जिन्होंने कई साल पहले इस त्रासदी को झेला था. ईश्वर उसे सद्बुद्धि दे ताकि वह हजारों-लाखों लोगों की त्रासदी का इस्तेमाल अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए न करे.’

बता दें इजरायल के फिल्म मेकर नादव लैपिड ने सिनेमा की दुनिया में सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) जैसी कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. नादव लैपिड लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य, वर्ष 2016 के कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य और 71वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में आधिकारिक प्रतियोगिता जूरी के सदस्य रहे हैं.

 

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