इंस्पेक्टर ने पेश की मानवता की अनूठी मिसाल, बेसहारा भटक रही बुजुर्ग महिला को पहुंचाया घर

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एक तरफ जहां बढ़ रहे अपराध के चलते देश की जनता कई बार पुलिस वालों को भी सवालों के कठघरे में खड़ा कर देती है, तो वहीं कुछ ऐसे पुलिसवाले भी हैं जो अपनी कार्यशैली से लोगों के दिलों को जीतने का काम करते हैं. कुछ ऐसे ही हैं बनारस के चौक इंस्पेक्टर आशुतोष तिवारी. वाराणसी के चौक पुलिस का बेहद मानवीय चेहरा सामने आया है. चौक इंस्पेक्टर ने इंसानियत की अनूठी मिसाल पेश की है. महाशिवरात्रि पर बाबा का दर्शन करने आई भटकी वृद्धा को उसके घर पहुंचाने के लिए चौक इंस्पेक्टर ने ठान ली और आखिरकार तमाम जतन करते हुए वृद्धा को सकुशल उनके घर पहुँचवाने की व्यवस्था की.
ग्रामीणों के साथ पहुंची थी बाबा के दरबार में
दरअसल, सीतामढ़ी के बथनाहा थाना के दोषपुर गांव की 65 वर्षीय वृद्ध महिला देवकली गांव के लोगों के साथ बाबा के दर्शन करने विश्वनाथ मंदिर आयी थी. महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालुओं के बीच वो गांव के लोगों के साथ बिछड़ गयी. विश्वनाथ मंदिर में ड्यूटी के दौरान इंस्पेक्टर की नजर वृद्धा पर पड़ी. इंस्पेक्टर को महिला ने बताया उसका एक ही बेटा विदेश में नौकरी करता है. गांव में सिर्फ उनकी बहू ही रहती है.

गांववालों से किया संपर्क, अपने खर्चे से की गाड़ी की व्यवस्था
इंस्पेक्टर ने वृद्धा के बताए गांव के थाना से सम्पर्क किया. इसके बाद गांव के जिम्मेदार लोगों को वाराणसी आने के लिए गाड़ी उपलब्ध कराने को कहा. ग्रामीणों ने हीलाहवाली की तो इंस्पेक्टर ने इसकी जिम्मेदारी भी उठाने में कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने गाड़ी के भाड़े का खर्च खुद वहन कर वृद्धा को सकुशल गांव भिजवाने का प्रबंध किया. घर वापस जाते हुए वृद्धा देवकली खुश हो गयी और अश्रुपूरित नयनों से इंस्पेक्टर का आभार व्यक्त किया. आशुतोष तिवारी की गिनती बनारस के तेजतर्राज थानाध्यक्षों में होती है. पर्यावरणप्रेमी होने के साथ ही वह धार्मिक प्रवृत्ति के भी हैं. थानेदारी की चमक-दमक से दूर रहने वाले आशुतोष तिवारी एक संजिदा इंसान भी हैं.

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