भारतीय सेना का चीनी सेना के खिलाफ अहम फैसला

0

भारतीय सेना ने 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन से लगी सीमा पर सड़क ढांचे को दुरुस्त करने का फैसला किया है। सेना ने अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर के साथ इस कार्य को करने का जिम्मा सौंपा है। ताकि सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित हो सके। आधिकारियों ने बताया कोर ऑफ इंजीनियर्स (सीओई) ने इस उद्देश्य के लिए पहले ही कई कदम उठाने शुरू कर दिये है। पहाड़ काटने और सड़क बिछाने की विभिन्न मशीनों के नये संस्करणों और उपकरणों के लिए आर्डर दिये गये है। इसके अलावा सैनिकों की तीव्र आवाजाही के लिए असाल्ट ट्रेक्स की खरीद की जा रही है।

Also Read: EVM में गड़बड़ी को लेकर ‘आप सरकार’ ने बुलाई प्रेस कांफ्रेंस

महत्वपूर्ण इंजीनियरों की ली मदद
रिपोर्ट के मुताबिक सेना मुख्यालय ने बारूदी सुरंग का पता लगाने की कोर इंजीनियरों की क्षमता बढ़ाने के लिए एक हजार से अधिक दोहरे ट्रैक माइन डिटेक्टरों के आर्डर दिये है। भारत और चीन 4000 किलोमीटर लम्बी सीमा साझा करते है। 237 पुरानी सीओई महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग मदद उपलब्ध कराती है। यह  सैनिकों तथा तोपों की तीव्र आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण सीमाई इलाकों में सम्पर्क सुलभ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संवेदनशील सीमाओं पर आधारभूत ढ़ांचे को बढ़ाना सरकार की सशस्त्र सेनाओं की लड़ाकू तैयारियों को प्रोत्साहित करने की समग्र रणनीति का एक हिस्सा है।

Also Read: कलयुग का ‘श्रवण कुमार’ 40 Km लाश को पैदल ले गया दामाद

जल्द ही सड़क निर्माण हो जायेगा
सेना डोकलाम गतिरोध के बाद चीन-भारत सीमा पर आधारभूत संरचना पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। चीनी सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में सड़क निर्माण को भारतीय सैनिकों के रोकने के बाद 16 जून से डोकलाम में 73 दिनों तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध बना रहा। यह गतिरोध 28 अगस्त को समाप्त हुआ था।

साभार: (हिन्दुस्तानLive.com)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More