India Pakistan Conflict: भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरूआत हो चुकी है. जो थमने के बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि, भारत देश के लिए अपना बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों ने पाकिस्तान को धूल चटाने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी है. जी हां, पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अपने मिशन के रूप में चलाया. जिसके तहत पाकिस्तान के घर में घुसकर उसके आतंकियों के नौ ठिकानों को ध्वस्त कर सबक सिखाया. इस हमले के बाद से अपनी तबाही का मंजर देख बौखला उठे पाकिस्तान ने भारत पर किसी प्रकार की बदले की कार्रवाई न करने की बात तो कही थी, मगर अपनी बात से मुकरने वाले पाकिस्तान ने भारत पर अटैक कर दिया. इस जवाबी कार्रवाई को देख भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. इन्ही बदले की भावना के चलते ये युद्ध अब महायुद्ध में बदल गया.
जम्मू-कश्मीर की हर सुबह मातम में बदली
इस बदले की भावना के चलते पाकिस्तान लगातार भारत पर हमला करते नजर आ रहा है. जिसका नतीजा हर किसी के सामने है, पाकिस्तान एलओसी पर लगातार गोलीबारी कर भारत को ये जताने की कोशिशों में लगा हुआ है कि वो भारत को मुंहतोड़ जवाब देने में काफी सक्षम है, LOC में बसे गांवों को निशाना बनाने वाला पाकिस्तान की इन कायराना हरकतों के चलते न जाने कितनों ने अपनों को खो दिया. तो कितने अपनों से बिछड़ गए. जहां बड़े से लेकर बूढों के ठहाके सुनाई देते थे आज वहां चीख-पुकार सुनाई दे रही है.
ये गूंज कहीं और की नहीं बल्कि पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले की है जो जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले से सुनाई दे रही है. जिसे सुन हर भारतवासियों के रोंगटे खड़े हो जाएंगे. क्योंकि जहां बैठकर सुकुन महसूस किया जाता था, आज वहीं दहशत का माहौल देखने को मिल रहा हैं. हालात ऐसे हैं कि रातों की नींद बमबारी में तब्दीुल हो चुकी है, जिसके चलते हर सुबह मातम में बदलती नजर आ रही है. पूंछ के सीमा पार गोलीबारी में 12 नागरिकों की मौत हो गई, यहां तक की पाकिस्तान बदले की भावना में इस कदर अंधा हो गया कि उसने मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे तक को नहीं बख्शा, उस पर भी उसने हमला कर तहस-नहस कर दिया.
पाकिस्तान नहीं आ रहा अपनी हरकतों से बाज
इससे तो यहीं साबित होता है कि पाकिस्तान युद्ध को बंद ही नहीं करना चाहता है. मगर भारत एक ऐसा देश है जो अपने दुश्मनों को भी एक मौका देता है. कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के साथ भी भारत ने किया. बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घूमने आए पर्यटकों को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाते हुए 28 पर्यटकों की जान ले ली थी.
इस हमले को देखते हुए भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए पाकिस्तान को एक मौका दिया और कहा था कि अगर पाक ने इस भारतीय कार्रवाई के बाद से किसी प्रकार का कोई हमला किया तो इसका अंजाम उसे भुगतना पड़ेगा. मगर गिरगिट जैसा रंग बदलने वाले पाकिस्तान इस बात पर हामी भरते हुए भी भारत पर हमला करने से अभी भी बाज नहीं आ रहा है. इसी हमले के चलते उसकी आर्थिक स्थिति तक बद से बदतर हो चुकी है मगर पाकिस्तान बदले की आग में अभी भी जल रहा है. जहां भारत पर आयेदिन हमला करता नजर आ रहा है.
“पाकिस्तान अपने भाई का तक सगा नहीं”
भारत और पाकिस्तान के इस महायुद्ध को रोकने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उन्हें ये समझाने में लगे हुए हैं कि अब वो भारत से युद्ध करना बंद कर दें, युद्ध पर विराम लगाने के बजाय पीएम शहबाज शरीफ अपने भाई को ही आंख दिखाने लगे. ऐसे में ये तो साफ जाहिर होता है कि भारत को आंख दिखाने वाला पाकिस्तान अपने भाई का सगा नहीं तो और किसी का भला कैसे होगा. बता दें कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
बताया जा रहा है कि, भारत के साथ तनाव के बीच नवाज शरीफ अब पाकिस्ताान में मोर्चा संभालने के मूड में नजर आ रहे हैं. क्योंकि पीएम मोदी के कार्यकाल के शुरुआती दिनों में नवाज शरीफ से अच्छीक दोस्ती होने के नाते दोनों देशों के बीच चल रहे हमले को रोकने की वो गुहार लगा रहे हैं. ये वहीं नवाब शरीफ है जो पहलगाम हमले और भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित देख लंदन में चल रहे अपने इलाज को छोड़कर सीधा पाकिस्तान धमक पड़े. जिन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने से लगातार भारत के साथ शांति बनाए रखने की बातचीत को याद दिलाते हुए भारत से ये उम्मीद लगा बैठे हैं कि पीएम मोदी सरकार से वार्तालाप कर इस युद्ध को रोका जा सकता है. क्योंकि अगर ये युद्ध नहीं रूका को पाकिस्तान पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
अपनी दोस्ती से नवाज शरीफ क्या पाकिस्तान को बचा पाएंगे
पाकिस्तान को बचाने की चाह में नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अपने गुस्से को शांत करने के लिए कहा है. यहीं कारण है कि भारत को गीदड़ भभकी कहने वाले शहबाज शरीफ के इन दिनों सुर बदलते नजर आ रहे हैं.ऐसे में हर किसी की नजरें पाकिस्तान के इन दोनों भाईयों पर आ टिकी हैं. क्योंकि अब देखना ये होगी कि दो भाईयों के बीच की जुगलबंदी पाकिस्तान की इस आग में जलकर राख हो जायेगी या फिर नवाज शरीफ अपनी दोस्ती के आंचल से पाकिस्तान को भारत के सैनिकों से बचा पाएंगे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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वहीं भारत देश एक ऐसा देश है जो अपने दुश्मनों को भी एक मौका देता है, मगर पाकिस्तान का हाल कुछ ऐसा है कि गुनाहों की बात क्या करें वो तो बेगुनाहों को तक नहीं छोड़ता हैं. आखिरकार, आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान ने अपनी गलती को स्वीकार करने के बजाय भारत को अपना निशाना बनाना चाह रहा है, मगर ऐसा कभी नहीं हो सकता है क्योंकि कहा जाता है कि सच्चाई की जीत हमेशा होती है और होती रहेगी, कुछ ऐसा ही भारत में भी बसता है.