भारत-ईरान के जवानों पर हमला करने वालों का पनाहगार है पाक!

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पाकिस्तान को पूरी दुनिया में आतंक के पनाहगार के तौर पर देखा जाता है, बावजूद इसके वह अपने नापाक मंसूबों पर रोक लगाने के बजाए हर बार सिर्फ बहानेबाजी करता नजर आता है। 14 फरवरी को भारत के पुलवामा में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत की जिम्मेदारी लेने वाला जैश-ए-मोहम्मद है, जिसका सरगना पाक जमीन पर आराम से रहता है, वहीं ईरानी सैनिकों पर 13 फरवरी को उसी तरीके से हमला किया गया जैसा भारतीय सैनिकों के लिए किया गया था। इस हमले में 27 ईरानी जवान शहीद हुए और हमलावर था पाकिस्तानी नागरिक। हमले की जिम्मेदारी जैश-उल-अदल आतंकवादी समूह ने ली।

आतंकियों का पनाहगाह पाक मांग रहा देशों से सबूत :

पाकिस्तान ऐसे दहशतगर्दो को पनाह देता है जो दूसरे देशों के सैनिकों, आम नागरिकों की जान लेने में लगे हुए है, वहीं जब पाक को इसकी जिम्मेदारी लेने को कहा जाता है तो उनका जवाब होता है सबूत दिखायें।

भारत और ईरान, दोनों ही देशों ने पाकिस्तान को बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दी है। जिसपर पाकिस्तान ने भारत-ईरान से कहा, वे पहले हमले का सबूत दें कि उसमें हमारा हाथ है। इतना ही नहीं, डर कर पाकिस्तान ने दोनों देशों से यह भी कहा है कि बातचीत का विकल्प खुला है।

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वहीं पाकिस्तान पर जब दोनों देशों ने दबाव बनाया तो वह पहले की भांति इन हमलों से अपना पल्ला झाड़ने लगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने दोनों देशों से कहा, वे आतंकी हमलों में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत दे दें, हम कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

ईरानी जवानों पर हमला करने वाला पाकिस्तानीः

बता दें कि पुलवामा हमले से एक दिन पहले आईआरजीसी कर्मी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के जाहेदान व खश शहरों के बीच यात्रा कर रहे थे। उनकी बस को एक आत्मघाती कार बम हमले में निशाना बनाया गया था। आईआरजीसी के ग्राउंड फोर्स ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पपौर के कमांडर का कहना था, आत्मघाती हमलावर पाकिस्तानी थे।

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