राजस्‍थान: कायम है अशोक गहलोत का जलवा

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राजस्थान में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत सरकार का मंत्रिमंडल तैयार हो गया है। सोमवार को 23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मुख्‍यमंत्री पद की रेस में आगे रहने के बाद कैबिनेट में भी गहलोत ने अपने डेप्‍युटी सचिन पायलट को पछाड़ दिया है।

मंत्री बनाए गए ज्यादातर नाम गहलोत के करीबी बताए जा रहे हैं। हालांकि पायलट भी अपने 5 समर्थकों को मंत्री बनाने में सफल रहे हैं।

राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल कल्याण सिंह ने 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई। इसमें 18 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.पी. जोशी, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक, अशोक बैरवा, महेश जोशी, डॉ. जितेंद सिंह समेत कई दिग्गज चेहरों को जगह नहीं मिल पाई है।

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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गहलोत ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए अपना मंत्रिमंडल तैयार किया है। वरिष्ठ नेताओं को संवैधानिक पद दिए जा सकते हैं। गहलोत कैबिनेट में ममता भूपेश केवल एक महिला मंत्री हैं। पिछली सरकार में 4 महिलाओं को जगह मिली थी। कांग्रेस ने गठबंधन की सहयोगी भरतपुर से जीते आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया है।

गहलोत ने मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की है। जाट समुदाय से 4 विधायक मंत्री बने हैं। वैश्य समाज से 3 और 2-2 ब्राह्मण-राजपूत विधायक भी कैबिनेट में जगह पाने में सफल रहे। एकमात्र मुस्लिम चेहरा सालेह मोहम्मद हैं। उधर, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा है कि गहलोत और पायलट के बीच मंत्रियों का चयन तय सहमति के मुताबिक हुआ है। राजस्‍थान में अभी और मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है क्‍योंकि 5 मंत्रियों की जगह अभी खाली है।

मंत्रिमंडल के गठन में गहलोत के कैंप के शांति धारीवाल, बीडी कल्‍ला, परसादी लाल मीणा, लाल चंद कटारिया और विश्‍वेंद्र सिंह शामिल हैं। उधर, पायलट खेमे से प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल अंजाना और प्रमोद जैन शामिल हैं।

मंत्रिमंडल के गठन के बाद गहलोत ने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता सुशासन लाना है। जल्‍द ही बेरोजगारी और किसानों की समस्‍याओं का समाधान किया जाएगा।’ उधर, सोमवार को मंत्रियों के शपथ के दौरान कुछ विधायकों को मंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक नाराज हो गए और नारेबाजी की।साभार

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