Gujarat Riots: अमित शाह बोले- ‘मोदी जी इतने साल विषपान करते रहे, बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये कर सकता है’

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आज से 20 वर्ष पहले साल 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे. जिसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में खुलकर बात की है. उन्होंने गुजरात दंगों के तमाम पहलुओं को लेकर सारी सच्चाई बताई है.

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा ‘मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है. 18-19 साल की लड़ाई के दौरान वह सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर, सहन करके लड़ते रहे, फिर भी एक शब्द नहीं बोले. ये सब कोई बहुत मजबूत मन का आदमी ही कर सकता है.’

एएनआई के मुताबिक, अमित शाह ने कहा ’18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन करके लड़ता रहा. और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह बाहर आया है, चमकता हुआ बाहर आया है तो आनंद ही होगा.’

अमित शाह ने कहा ‘यह दंगा होने का मूल कारण गोधरा की ट्रेन के जला देना था. 60 लोगों को 16 दिन की बच्ची को मां की गोद में बैठे हुए जिंदा जलते मैंने देखा है. मेरे हाथ से अग्नि संस्कार किया है मैंने. इसके कारण दंगे हुए थे. इसके आगे जो दंगे हुए थे वे राजनीति से प्रेरित होकर हुए थे. रिजर्वेशन का आंदोलन हुआ उसे दंगों में बदल दिया गया.’ शवों की परेड को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा ‘परेड नहीं किया गया. यह गलत प्रचार है.’

साल 2002 के गुजरात दंगों के मामले में जकिया जाफरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 जून को खारिज कर दिया. इसमें उन्होंने तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी थी. एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा है. शीर्ष अदालत ने फैसला देते हुए अपनी टिप्पणी में कहा कि जकिया जाफरी की अपील में दम नहीं है और खारिज करने लायक है.

Timeline of the Riots in Modi's Gujarat - The New York Times

बता दें 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी गई थी. इस घटना में 58 तीर्थयात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से ही गुजरात में दंगे भड़क गए थे, जहां एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.

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