Holika Dahan: देश में होली को लेकर उत्साह है आज फाल्गुन पूर्णिमा में होलिका दहन ( Holika dahan) करने की परंपरा है. इस बार होलिका दहन 13 मार्च यानि आज किया जाएगा. यह त्यौहार बुराई की अच्छाई पर जीत के प्रतीक के तौर पर मनाई जाती है.
होली में भद्रा का साया…
बता दें कि इस बार होली में भद्रा का साया रहने वाला है. इसलिए होली दहन के मूर्ति को लेकर काफी लोगों में असमंजस है. तो आइये जानते हैं इस बार होलिका दहन में कब तक रहेगा भद्रा का साया.होलिका दहन का मुहूर्त क्या है और होलिका दहन से पूर्व पूजा का विधान क्या है.
होलिका दहन का मुहूर्त क्या?…
बता दें कि होली का त्यौहार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसमें भद्रा का खास ख्याल रखा जाता है. भद्रा काल में होलिका का दहन वर्जित होता है. इस बार पूर्णिमा तिथि 13 मार्च यानी आज सुबह 10.36 से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12.23 तक रहेगी. पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल आरम्भ हो जाएगा, जो रात 11.26 बजे तक रहेगा. इसके चलते होलिका दहन रात्रि 11 :27 से लेकर रात्रि 12 : 30 मिनट तक किया जाएगा.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त…
बता दें कि इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 11: 27 मिनट से लेकर रात्रि 12 : 30 मिनट तक है जबकि भद्रा का साया आज, सुबह 10 बजकर 2 मिनट से लेकर रात्रि 11:26 मिनट तक है.
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होलिका दहन 2025 पूजा विधि…
आज होलिका दहन के समय लाल, पीले या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें. काले या सफेद रंग के कपड़े से परहेज करें. शुभ मुहूर्त के समय यानि रात 10 बजकर 40 मिनट पर होलिका दहन के स्थान पर एकत्र हों. अपने साथ होलिका दहन की पूजा सामग्री साथ लेकर जाएं. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं. दक्षिण दिशा में एक कलश स्थापित करें
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होलिका दहन 2025 पूजा सामग्री…
1. सूखी लकड़ियां, सूखी घास और उप्पलें, इसमें पीपल, आम, बरगद, आंवला आदि लकड़ियां नहीं जलाते हैं.
2. अक्षत्, फूल, माला, हल्दी, रोली, धूप, कपूर, माचिस
3. रंग, गुलाल, एक लोटा या कलश, उसमें पानी
4. जौ, मूंग और गेहूं की बालियां
5. बताशा, नारियल, गुड़, मिठाई