SC On Waqf: वक़्फ़ अधिनियम 2025 की संवैधानिक चुनौती वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई है. बता दें कि CJI बी आर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद के चंद्रन की बेंच में तीन दिनों चली मैराथन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
अंतरिम रोक लगाई जाए या नहीं, होगा तय
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पूरी हो गई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि वक्फ कानून 2025 पर अंतरिम रोक लगाई जाए या नहीं. तीन दिनों की मैराथन सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें पूरी हुई. इसके बाद CJI बी आर गवई और जस्टिस ए जी मसीह की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा.
इस समय याचिकाकर्ताओं ने तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम राहत की मांग की है:
इनमें से एक मुद्दा न्यायालय द्वारा वक्फ, वक्फ बाई यूजर या विलेख द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति से संबंधित था.
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राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना, जिसमें याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुस्लिमों को ही नियुक्त किया जाना चाहिए.
अंतिम मुद्दा यह है कि जब कलेक्टर यह पता लगाने के लिए जांच करेगा कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा.
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दान हर धर्म का हिस्सा…
इतना ही नहीं, मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व फैसले का हवाला देते हुए कहा,’ दान हर धर्म का हिस्सा है लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. हिंदुओं में दान की व्यवस्था है, ईसाइयों में चैरिटी है, सिखों में है, लेकिन ये धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.