ज्ञानवापी मामला: शिवलिंग पूजा की अनुमति देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- जिला कोर्ट जाएं

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यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिवलिंग की पूजा की अनुमति देने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता राजेश मणि त्रिपाठी ने शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना जवाब दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग की पूजा की इजाजत नहीं दी जाएगी और उसकी कार्बन डेटिंग की मांग भी नहीं सुनी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह वाराणसी की जिला कोर्ट में जाएं, हमने मामला वहां ट्रांसफर कर दिया है.

इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस नरसिम्हा की पीठ ने की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारे पिछले आदेश के बाद अभी वाराणसी जिला जज की कोर्ट में मेंटेनिबिलिटी पर सुनवाई जारी है. उसी के आदेश पर आगे की कार्रवाई निर्भर करेगी.

याचिकाकर्ता ने कहा कि हम शिवलिंग की पूजा की अनुमति मांग रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब निचली अदालत में सुनवाई लंबित है, तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? सिविल केस की सुनवाई की एक प्रक्रिया होती है. बेहतर है आप याचिका वापस ले लें. इसके बाद वकील हरिशंकर जैन ने श्रद्धालु महिलाओं की तरफ से जैन ने शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग रखी. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप अनुभवी वकील हैं. आप जानते हैं कि इस तरह सीधे सुनवाई नहीं हो सकती. यह बातें निचली अदालत में रखिए. जिसे जो भी कहना है, वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में कहे. हरिशंकर जैन ने कहा कि याचिका वापस लेने की अनुमति दे दीजिए, कोर्ट ने यह दे दी.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते तक के लिए टाल दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तब तक इंतजार करेगी कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर जिला कोर्ट क्या फैसला लेती है. कमेटी ने इस मामले की सुनवाई के औचित्य पर सवाल उठाया है.

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