अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के मंदिर में सजी अन्नकूट की भव्य झांकी
वाराणसी: धनतेरस से शुरु हुई वाराणसी के स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा मंदिर का दर्शन का पांचवा और आखिरी दिन आज अन्नकूट पर्व के साथ समापन किया जाएगा. मंदिर के कपाट भक्तों के लिए अगले साल धनतेरस तक के लिए बंद कर दिए जाएंगे. मंगलवार को मंदिर के गर्भगृह में अन्नकूट की झांकी सजाई गई . गर्भगृह को खासकर बेसन के लड्डुओं से सजाया गया है. इसे देखने व अन्नकूट प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. मां के दर्शन के साथ श्रद्धालु महाप्रसाद भी ग्रहण कर रहे हैं. शहर भर के मंदिरों में एक लाख किलो से ज्यादा अन्नकूट का भोग चढ़ाया गया है. मंदिरों में लड्डुओं के पहाड़ के साथ ही 56 प्रकार के भोग भी अर्पित किये गये.
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शहर के बाकि मंदिरो में भी दिखी अन्नकूट पर्व की झलक
संपूर्ण विश्व को अन्न धन का वरदान देने वाली मां अन्नपूर्णा के दरबार से अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत हो गई है। इसके बाद बाबा विश्वनाथ, महामृत्यंजय, गोपाल मंदिर, मणिमंदिर, राम जानकी मंदिर, अक्षयवट हनुमान मंदिर, विशालाक्षी देवी मंदिर काल भैरव, दुर्गा मंदिर, बटुक भैरव, कालिका मंदिर,संकटमोचन,बनकटी मंदिर, नए विश्वनाथ मंदिर सहित सभी छोटे-बड़े मंदिरों में अन्नकूट की झांकी सजाई गई है. अन्नपूर्णा मंदिर में विशेष रूप से सजावट की गई. 501 क्विंटल कच्चा-पक्का भोग अर्पित किया गया. दुर्गा मंदिर में सौ क्विंटल, काशी विश्वनाथ मंदिर में 21 क्विंटल, राम मंदिर व गोपाल मंदिर में 51- 51 क्विंटल, कालभैरव, बटुक भैरव और श्रीकृष्ण मंदिर में 21-21 क्विंटल के भोग प्रभु को अर्पित किया गया.
अन्नकूट पर्व : मणि मंदिर में भी दिखी भव्य सजावट
वहीं बनारस के घर की रसोई में तैयार भोग से मणि मंदिर में अन्नकूट की झांकी सजाई गई. इस बार एक हजार से ज्यादा गृहस्थों ने अन्नकूट की परंपरा का निर्वहन किया है. 51 मन भोग ठाकुर जी, राम दरबार, मां महालक्ष्मी और द्वादश ज्योतिर्लिंग को अर्पित किया गया. धर्मसंघ के सचिव जगजीतन पांडेय ने बताया कि मणि मंदिर में अन्नकूट महोत्सव पर 56 प्रकार के मिष्ठान, फल, मेवा के साथ ही 51 मन लड्डुओं से बना शिवालय मंदिर में आकर्षण का केंद्र रहा.
जानिए कितने बांटे गए सिक्के
आज रात्रि के शयन आरती के बाद स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा का कपाट बंद कर दिया जायेगा. पंच दिवसीय माता का दर्शन-पूजन करने को लाखों की संख्या में भक्तगण माई के दरबार पहुचे. अन्नपूर्णा मंदिर के अनुसार 5 लाख से अधिक सिक्के, माता के प्रसाद के रूप में बांटे गये.
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