Repo Rate: देश में एक बार फिर आज केंद्रीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने रेपो रेट में कटौती कर दी है. बैंक ने 4 जून को हुई बैठक का फैसला आज यानि 6 जून को सुनाया. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने द्विमासिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि, वैश्विक स्थिति नाजुक और विभिन्न देशों में आर्थिक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है वहीँ भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. RBI ने रेपो रेट में .50 फीसदी की कटौती करते हुए अब रेपो रेट 5.50 फीसद कर दिया है.
निवेशकों को अवसर देता है भारतीय बाजार…
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों के लिए अपार अवसर प्रदान करती है. मंहगाई दर में नरमी के बीच RBI ने घरेलु अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रेपो रेट में कटौती की है. वैश्विक दर में जारी अनिश्चितता के बीच केंद्रीय बैंक ने यह बड़ा कदम उठाया है.संजय मल्होत्रा ने कहा कि, MPC की 6 सदस्यीय टीम ने रेपो रेट घटाने का फैसला लिया है.
लगातार तीसरी बार घटा रेपो रेट…
गौरतलब है कि यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो रेट में कमी की गई है. रेपो रेट का सीधा असर होम लोन की ईएमआई पर पड़ता है, क्योंकि होम लोन की दरें रेपो रेट से जुड़ी होती हैं. इससे पहले फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने रेपो रेट में 25-25 आधार अंकों की कमी की थी. जबकि इसके पहले पांच साल तक रेपो रेट में कोई कमी नहीं की गई थी. कम ब्याज दरों का सकारात्मक असर घरों और कारों की बिक्री पर तो पड़ता ही है, साथ ही यह पूरी अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को बढ़ा कर ग्रोथ प्रदान करता है.
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रेपो रेट में क्यों हुई जंबो कटौती?
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले 6 महीनों में महंगाई की दर 4% के लक्ष्य से नीचे आ गई है. वैश्विक मंदी और कमोडिटी कीमतों में गिरावट के चलते इस साल महंगाई दर 3.7% रहने का अनुमान है. वहीं, विकास दर अभी भी अपेक्षाओं से कम है. इसलिए घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए MPC ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती कर इसे 5.50% करने का निर्णय लिया है. यह कदम निवेश और उपभोग को प्रोत्साहित करेगा.
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सस्ती हुई लोन की दरें…
इस तरह, इस साल अब तक रेपो रेट में 100 आधार अंकों की कमी आ चुकी है. इसका मतलब है कि आपके होम कार लोन की ब्याज दरों में भी कमी आ सकती है. तीनों कटौती को मिला कर देखें और बैंक अगर पूरी कटौती को ग्राहकों तक पास ऑन करें तो होम लोन की दरें एक बार फिर 7.5 फीसदी के नीचे आ जाएंगी, जो अभी 8 फीसदी के करीब चल रही हैं.