वाराणसी: शहर के रिंग रोड नेटवर्क को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित 60 किलोमीटर रिंग रोड परियोजना के दूसरे फेज का दूसरा पैकेज (संदहां से रेवासा) समय पर पूरा नहीं हो सका. गंगा पर बन रहे पौने दो किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण में देरी के कारण परियोजना एक वर्ष विलंबित हो गई. इस देरी के लिए कार्यदायी एजेंसी गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 94 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
मार्च तक एक लेन चालू करने का लक्ष्य
पुल के एक लेन को मार्च के पहले सप्ताह तक चालू करने की तैयारी है. इस पुल का निर्माण चिरईगांव के बभनपुरा से शुरू होकर चंदौली के सुल्तानीपुर गांव तक किया जा रहा है. प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 950 करोड़ रुपये है, जिसमें पुल की लागत 550 करोड़ रुपये है. गंगा पुल का सेगमेंट लॉन्चिंग कार्य 15 फरवरी तक पूरा हो जाएगा.
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चार नेशनल हाईवे होंगे कनेक्ट
पुल के निर्माण के बाद दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, और गाजीपुर समेत अन्य शहरों से आने वाले वाहन बिना वाराणसी में प्रवेश किए सीधे नेपाल, बिहार, झारखंड, बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों तक पहुंच सकेंगे. इससे वाहनों का शहर के अंदर ट्रैफिक लोड कम होगा और आवागमन सुगम होगा.
एनएचएआई की साख पर सवाल
परियोजना के विलंबित होने से एनएचएआई की साख पर असर पड़ा है. इस देरी के लिए गैमन इंजीनियर्स पर सख्त कार्रवाई की गई है. एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रवीण कुमार कटियार ने कहा कि कंपनी को अनुबंध की शर्तों के तहत निर्माण कार्य समय पर पूरा करना चाहिए था. हालांकि, अब युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है और जल्द ही पुल का निर्माण पूरा होगा.
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निर्माण कार्य में गति
गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर्स के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज राठौर ने बताया कि प्रोजेक्ट में देरी के पीछे कई तकनीकी कारण थे, लेकिन अब कार्य तीव्र गति से चल रहा है. अप्रोच मार्ग का 1200 मीटर हिस्सा भी अंतिम चरण में है.