तो विलुप्त पक्षियों की पहचान होगी आसान…

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छत्तीसगढ़ में देश-विदेश से आने वाले प्रवासी पक्षियों को वैज्ञानिक तरीके से चिह्नंकित और सूचीबद्ध करने और उन्हें संरक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग ने व्यापक सर्वेक्षण की योजना बनाई है।

सर्वेक्षण मार्च 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य

वन विभाग द्वारा यह सर्वेक्षण मार्च 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। पक्षियों का यह राज्यव्यापी सर्वेक्षण वन विभाग द्वारा पक्षी गणना के लिए कार्यरत बेंगलुरू (कर्नाटक) की संस्था बर्ड काउंट इंडिया के सहयोग से किया जाएगा। बर्ड काउंट विभिन्न संस्थाओं का एक संघ है। भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी तथा सलीम अली सेंटर फॉर नेचुरल हिस्ट्री जैसी संस्थाएं बर्ड काउंट संघ की सदस्य हैं।

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छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है…

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने यहां के हरे-भरे वनों, बाग-बगीचों, तालाबों, सिंचाई जलाशयों, खेतों और बंजर भूमि सहित घास के मैदानों में स्वच्छंद विचरण करने वाले पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे करने और उनकी सूची बनाने का निर्णय लिया है। इससे पक्षियों की स्थानीय और प्रवासी प्रजातियों सहित कई विलुप्तप्राय पक्षियों की भी पहचान की जा सकेगी। सर्वेक्षण के लिए ग्राम पंचायतों, जनपद और जिला स्तर पर पक्षी प्रेमी नागरिकों का समूह बनाकर एक राज्यव्यापी नेटवर्क विकसित किया जाएगा।

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मार्च 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं

राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास परिसर के वृक्षों में रोज सवेरे पक्षियों को देखना और उन्हें दाना खिलाना मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दिनचर्या में शामिल हैं। वे इन पक्षियों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि पक्षियों के सर्वेक्षण और संरक्षण से छत्तीसगढ़ में पक्षी आधारित इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिल सकता है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी विकसित हो सकते हैं। वन मंत्री महेश गागड़ा ने विभागीय अधिकारियों को यह सर्वेक्षण कार्य जल्द शुरू करने और मार्च 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

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समितियों का महासम्मेलन भी रखा गया था

अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर में पिछले महीने की तेरह तारीख को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य में वन मड़ई 2017 के अंतर्गत वन प्रबंधन समितियों और लघु वनोपज समितियों का महासम्मेलन भी रखा गया था, जहां हजारों की संख्या में आए इन समितियों के सदस्यों को पक्षी सर्वेक्षण की राज्यव्यापी कार्य-योजना की जानकारी दी गई और उनसे इस कार्य में सहयोग का आह्वान किया गया।

समितियों में 27 लाख 63 हजार ग्रामीण सदस्य

राज्य में संयुक्त वन प्रबंधन योजना के तहत सात हजार 888 वन प्रबंधन समितियों में 27 लाख 63 हजार ग्रामीण सदस्य हैं, जिन्हें पक्षी सर्वेक्षण कार्य से भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों में 13 लाख से ज्यादा सदस्य हैं, उनसे भी इस कार्य में सहभागी बनने का अनुरोध किया गया है।

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