निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप पर वाराणसी में एफआईआर, अभद्र टिप्पणी का आरोप

वाराणसी के भेलूपुर थाने में चर्चित फिल्म निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह रिपोर्ट भदैनी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता गोविन्द चतुर्वेदी ने दर्ज कराई है. उनके खिलाफ ब्राह्मण समाज पर अमर्यादित और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भदैनी निवासी गोविन्द चतुर्वेदी ने तहरीर में बताया कि अनुराग कश्यप ने अपने अधिकृत सोशल मीडिया हैंडल विशेष रूप से इंस्टाग्राम पर ब्राह्मण समाज को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया. उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी सनातन समाज को बांटने और धार्मिक विद्वेष फैलाने वाली है. उनके बयान से देश के सामाजिक ताने-बाने पर भी चोट पहुंचती है. उन्होंने इसे एक राष्ट्रविरोधी मानसिकता का उदाहरण बताते हुए अनुराग कश्यप पर समाज को विघटित करने की साजिश का आरोप लगाया है.

प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर गोविंद कुशवाहा ने बताया कि तहरीर के आधार पर भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आगे की जांच साइबर सेल की मदद से की जाएगी.
इस प्रकरण को लेकर ब्राह्मण समाज में रोष व्याप्त है. वहीं उनकी इस टिप्पणी पर जमकर विवाद हो रहा है और अनुराग कश्यप की आलोचना हो रही है. उधर, महात्‍मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने आज अभद्र टिप्‍पणी के विरोध में अनुराग कश्‍यप का पुतला फूंका.

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कहा- ‘अपनी ही बात को मुद्दे से भटका दिया’

अनुराग कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से आज मंगलवार को एक पोस्ट शेयर किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘मैं गुस्से में किसी को एक जवाब देने में अपनी मर्यादा भूल गया और पूरे ब्राह्मण समाज को बुरा बोल डाला. वो समाज, जिसके तमाम लोग मेरी जिंदगी में रहे हैं, आज भी हैं और बहुत योगदान करते हैं. आज वो सब मुझसे आहत हैं. मेरा परिवार मुझसे आहत है. बहुत सारे बुद्धिजीवी, जिनकी मैं इज्जत करता हूं मेरे उस गुस्से में, मेरे बोलने के तरीके से आहत हैं. मैंने खुद ही ऐसी बात करके, अपनी ही बात को मुद्दे से भटका दिया’.

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‘मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं’

अनुराग कश्यप ने आगे लिखा है, ‘मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं, इस समाज से जिनको मैं ये नहीं कहना चाह रहा था, लेकिन आवेश में किसी की घटिया टिप्पणी का जवाब देते हुए लिख दिया. मैं माफी मांगता हूं अपने उन तमाम सहयोगी दोस्तों से, अपने परिवार से और उस समाज से, अपने बोलने के तरीके के लिए, अभद्र भाषा के लिए. अब आगे से ऐसा न हो, मैं उस पर काम करूंगा. अपने गुस्से पर काम करूंगा. मुद्दे की बात अगर करनी हो तो सही शब्दों का इस्तेमाल करूंगा. आशा है आप मुझे माफ कर देंगे’.