मोदी सरकार का किसानों को बड़ा ‘तोहफा’

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मोदी सरकार की तरफ से किसानों बड़ा तोहफा दिया है। चुनावी साल में मोदी सरकार ने किसान सुध लेते हुए तोहफा दिया है। लागत मूल्य से 50 फीसदी अधिक दाम देने के वादे के तहत केंद्रीय कैबिनेट ने खरीफ फसलों के नए समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ए ग्रेड धान पर 160 रुपये का इजाफा किया गया है।

1.5 गुना मिलना सुनिश्चित करने की घोषणा के अनुरूप है

10 साल बाद खरीफ फसल में इतनी बड़ी वृद्धि की गई है। इससे पहले 2008-09 में यूपीए सरकार ने 155 रुपये की वृद्धि की थी। यह कदम बजट में किसानों को उनकी उपज लागत का कम से कम 1.5 गुना मिलना सुनिश्चित करने की घोषणा के अनुरूप है।

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सूत्रों के मुताबिक, 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अधिकतम वृद्धि रागी में हुई है। इसका एमएसपी 1900 रुपये बढ़ाकर 2,897 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मक्के के समर्थन मूल्य को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये किया गया। मूंग की एमएसपी को 5575 रुपये से बढ़ाकर 6975 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये किया गया। बाजरे की एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया गया।

सरकार के खजाने पर 33,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा

कपास (मध्यम रेशा) के लिए किसानों को अभी तक 4,020 रुपये प्रति 100 किलोग्राम मिल रहा था अब इसे बढ़ाकर 5,150 रुपये किया गया है। लंबे रेशे वाले कपास का मूल्य 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 किया गया है। इस वृद्धि से सरकार के खजाने पर 33,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

बढ़े हुए एमएसपी का मूल्य जीडीपी के 0.2 फीसदी है। अतिरिक्त खर्च में धान की हिस्सेदारी 12,300 करोड़ रुपये है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में न्यूनतम समर्थन मूल्य में इतनी बड़ी वृद्धि की गई। उन्होंने कहा, ‘किसान देश का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, लेकिन उन्हें कभी भी अपने उत्पाद की सही कीमत नहीं मिली। किसानों में हताशा और निराशा थी इसे प्रधानमंत्री मोदी ने समझा।’ उन्होंने कहा कि वह भी किसान परिवार से हैं और यह कभी कल्पना नहीं की थी कोई सरकार ऐसा कदम उठाएगी।

फसलों का एमएसपी लागत का 150 प्रतिशत से कम था

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल अपनी अगली बैठक में एमएसएमपी में कम से कम 1.5 गुना वृद्धि को मंजूरी देगा। जिन खरीफ फसलों में एमएसपी पहले से उत्पादन लागत का 1.5 गुना है, उनमें वृद्धि मामूली होगी, लेकिन धान, रागी और मूंग जैसी फसलों के एमएसपी में तीव्र वृद्धि हुई है। इन फसलों का एमएसपी लागत का 150 प्रतिशत से कम था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाजार में दाम गिरने की स्थिति में किसानों को उनकी उपज के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित नई खरीद प्रणाली के वित्तीय प्रभावों को लेकर मंगलवार को विचार-विमर्श किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर नीति आयोग एक बेहतर प्रणाली स्थापित करेगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूरा लाभ मिले।

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