वाराणसी के लालपुर पांडेयपुर क्षेत्र में युवती से गैंग रेप मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने एसआईटी का गठन किया है. इस विशेष जांच टीम में डीसीपी, एडीसीपी, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम शामिल है. एसआईटी 30 दिनों में रिपोर्ट देगी. सीपी ने निष्पक्ष जांच और किसी के साथ अन्याय न होने देने का भरोसा दिलाया है.
सीपी ने गुरुवार को मीडिया के समक्ष वाराणसी में हुए सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि इस मामले में छह अप्रैल का एफआईआर दर्ज कराई गई है. पीडिता के बयानों में विरोधाभास प्रतीत हो रहा है.
आरोपितो के परिजनों ने किया विराध, पीड़िता पर लगाए आरोप
शहर के चर्चित गैंगरेप के मामले में गुरूवार को फिर एक नया मोड़ आ गया. इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि इस घटना में लिप्त 23 आरोपित बताये गये हैं. इसी बीच गुरूवार को आरोपितों के परिजन हाथों में तख्तियां लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंच गये. ‘महिला अपनाध बना ब्लैकमेल का अड्डा‘ लिखी तख्तियां लेकर पुरूषों के साथ पहुंची महिलाओं ने न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा.
इस मामले में परिजनों का कहना है कि पीड़िता ने अपने को सात दिनों तक बंधक बनाये जाने का जो आरोप लगाया है वह गलत है. उन्होंने पुलिस अधिकारी को इससे सम्बंधित साक्ष्य भी सौंपे. उनका यह भी कहना है कि पुलिस की एफआई में झोल है और पीड़िता झूठ बोल रही है. इसके अलावा आरोपितों के परिजनों ने एक दूसरा ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर दिया.
इस ज्ञापन को एसडीएम पिनाकमणि द्विवेदी ने लिया. उन्होंने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. प्रदर्शन में शामिल दिलशाद अहमद ने कहाकि जो आरोपित हैं उन्हें सख्त सजा मिले लेकिन निर्दोषों को फंसाना उचित नही है. आज हालत यह है कि कई आरोपितों के परिवार घर छोड़कर कहीं अन्यत्र चले गये हैं.
पुलिस कमिश्नर को बताई पीड़िता की सच्चाई
पीड़िता ने अपने को बंधक बनाये जाने की बात कही तो हमलोगों ने सोशल मीडिया एकाउंट और अन्य श्रोतों से छानबीन की तो सच्चाई सामने आई. हमलोगों ने पुलिस अधिकारी को युवती की सच्चाई को रखने का प्रयास किया है. पीड़ित युवकों के परिवार की महिलाओं ने कहाकि आरोप झूठे हैं और पुलिस हम लोगों को परेशान कर रही है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
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यह था मामला…
बता दें कि लालपुर-पांडेयपुर थाना क्षेत्र की युवती और ग्रेजुएशन की छात्रा 29 मार्च को घर से निकली और फिर लापता हो गई. इसके बाद चार अप्रैल को वह बदहवासी की हालत में मिली. उसका कहना है कि वह किसी तरह घर पहुंची और परिवारवालों को बताया. इसके बाद छह अप्रैल को पुलिस ने 12 नामजद और 11 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. यह भी बता दें कि गैंगरेप की इस घटना का पिछले दिनों वाराणसी आगमन के दौरान प्रधानमंत्री ने संज्ञान लिया था और नाराजगी जताई थी. इसके बाद डीसीपी को हटा दिया गया था.