‘ई-नेत्र’ के जरिए चुनावों पर नजर रखने की तैयारी में चुनाव आयोग

0

अगर इलेक्शन कमिशन की प्लानिंग कामयाब रही तो आने वाले लोकसभा चुनाव तक हर वोटर अपने स्मार्टफोन के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘पुलिस’ की भूमिका में नजर आएगा। चुनाव आयोग की टीम एक मोबाइल ऐप्लिकेशन पर काम कर रही है। इस प्रॉजेक्ट का नाम है ‘ई-नेत्र’। यदि कोई नेता अपने क्षेत्र में आचार संहिता का उल्लंघन (कैश या शराब बांटना या भड़काने वाले भाषण देना ) करता है तो इस ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति उस नेता की शिकायत कर सकता है। इसके साथ उसे सबूत के तौर पर उसकी तस्वीर या विडियो भी अपलोड करनी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये जानकारी एक इंटरव्यू में दी।

एप के जरिए चुनावों पर होगी नजर

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, ‘हमारे आईटी डिपार्टमेंट ने अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक ऐप्लिकेशन तैयार की है। इस ऐप को पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर आने वाले चार राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) के चुनाव में प्रयोग किया जाएगा।’ उन्होंने बताया कि कर्नाटक चुनाव के दौरान बेंगलुरु म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने चुनाव आयोग के लिए ऐसी ऐप्लिकेशन तैयार की थी, लेकिन यह चुनाव के कुछ समय पहले ही आ पाई। चुनाव तक इस ऐप को सिर्फ 800 लोगों ने डाउनलोड किया था। एक महीने के भीतर चुनाव आयोग नई ऐप्लिकेशन लॉन्च करने वाला है।’

रावत ने भरोया जताया कि लाखों लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुनाव आयोग की मदद करेंगे। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति उस वाकये की चुपचाप विडियो बना सकता है और सब्मिट कर सकता है। बगैर विडियो के भी शिकायत की जा सकती है, लेकिन चुनाव आयोग को उसके लिए पर्याप्त सबूतों की जरूरत होगी।

कश्मीर पर यह बोले चुनाव आयुक्त

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बारे में सवाल पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कश्मीर के मामले में अभी चुनाव आयोग कहीं भी तस्वीर में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘सरकार गिर गई है, लेकिन सदन अभी स्थगित है। हम नहीं कह सकते कि कोई नया गठबंधन उभरकर सामने आएगा या नहीं।’

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग उस समय हरकत में आएगा जब सदन भंग हो जाएगा। जहां तक उपचुनाव का सवाल है, सरकार ने फिलहाल एक सर्टिफिकेट जारी किया है, जिसके मुताबिक इलाके में भी चुनाव कराने लायक हालात नहीं हैं। चुनाव आयोग के अधिकारी कश्मीर में काफी मेहनत कर रहे हैं।

‘वीवीपैट पर काम हो रहा है’

वीवीपैट पर चुनाव आयुक्त ने कहा कि हम लोग लंबे समय से ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए उसे लेकर हम ज्यादा तैयार हैं। इसीलिए ईवीएम के फेल होने का प्रतिशत महज 0.5 से 0.7 प्रतिशत है। वीवीपैट अभी सब लोगों के लिए नया है। ऐसे में हाल के चुनाव में वीवीपैट का फेलियर रेट 11.6 प्रतिशत था। हम वीवीपैट की ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ?

लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ कराने के मामले पर रावत ने कहा, ‘यह फैसला हम नहीं कर सकते हैं। हम इसकी चर्चा की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं हैं। हम फिलहाल आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव पर फोकस कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में हम डेढ़ करोड़ लोगों की तैनाती करते हैं, जो अपनेआप में बहुत बड़ी एक्सरसाइज है।’

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More