भारत की निवासी 19 साल की दिव्या देशमुख ने दुनिया की नंबर-1 चेस प्लेयर चीन की हौ यिफान को हराकर देश का नाम रोशन किया है. जूनियर कैटेगरी की वर्ल्ड नंबर-1 में दिव्या ने चीन की हौ यिफान को हराते हुए वर्ल्ड टीम रैपिड और ब्लिट्ज चेस चैंपियनशिप में 3 मेडल जीते. इनमें रैपिडचेस का सिल्वर और ब्लिट्ज का ब्रॉन्ज मेडल शामिल है.
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PM MOdi ने दी बधाई…
बता दें कि, दिव्या देशमुख की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल प्लेटफार्म X पर लिखा-‘लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई. उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है. यह कई उभरते शतरंज खिलाड़ियों को भी प्रेरित करती है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं…
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कौन हैं दिव्या देशमुख ?
9 दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मील दिव्या देशमुख ने 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना सीख लिया था. उनके माता-पिता डॉक्टंर हैं, जिनका नाम जितेंद्र और नम्रता है. उनकी बहन बैडमिंटन खेलती थीं. ऐसे में वह शुरू में इस खेल की ओर आकर्षित हुईं. उन्हें इस खेल से प्यार हो गया और जल्द ही वे आगे बढ़ गईं. उन्होंने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती, इसके बाद अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) श्रेणियों में विश्व युवा खिताब जीते. दिव्या जल्दी ही महिला FIDE मास्टर बन गईं और अक्टूबर 2021 तक उन्होंने महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) का खिताब हासिल कर लिया.
उन्होंने बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड (2024) में भारत की टीम के गोल्डे मेडल में भी योगदान दिया और विश्व टीम रैपिड और ब्लिट्ज चैम्पियनशिप के ब्लिट्ज सेगमेंट में 2600 से अधिक प्रदर्शन रेटिंग प्राप्त करके व्यक्तिगत सम्मान अर्जित किया.