दिल्ली-यूपी सीमा पर प्रवासी मजदूरों का सैलाब, बढ़ा कोरोना का खतरा

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श्रमिकों की आवाजाही के चलते दिल्ली-यूपी (गाजीपुर-गाजियाबाद) सीमा पर जाम जैसे हालात बने हुए हैं। सुबह दफ्तरों का वक्त होने के चलते और बार्डर पार पहुंचने के इंतजार में मौजूद श्रमिकों की भीड़ के चलते यह हालात बने हैं।

हालांकि दोनों ही तरफ दोनों राज्यों की पुलिस मौजूद है। फिर भी ट्रैफिक रेंग-रेंगकर चलने के चलते लंबी लाइन लगी हुई है। सबसे ज्यादा मुश्किल दिल्ली से गाजियाबाद में घुसने वालों को हो रही है। क्योंकि विशेष रेलगाड़ियों से देश के दूर-दराज इलाकों से दिल्ली पहुंचे सैकड़ों श्रमिक इस बार्डर पर मौजूद हैं।

दो-तीन दिनों से यही हालात-

यह वे श्रमिक हैं जिन्हें या तो गाजियाबाद में घुसना है या फिर वाया गाजियाबाद यूपी के अन्य जिलों में पहुंचने के लिए प्रवेश करना है। यह हालात बीते दो-तीन दिनों से चल रहे हैं। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि, हम बिना जांच पड़ताल किये किसी को भी अपनी सीमा में नहीं घुसने देंगे। जांच में वक्त लगता है।

भीड़ में तमाम ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनके पास हमारी सीमा में प्रवेश की वैद्य मान्यता तक नहीं है। बार्डर पर इसी तरह के लोगों के चलते भीड़ बढ़ रही है।गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, दिल्ली प्रशासन ने ट्रेनों से पहुंचे श्रमिकों को सीधे बसों में भरवा कर बार्डर पर भेज दिया है। हम सीधे क्यों और कैसे हर किसी को घुस आने दें। दिल्ली प्रशासन और पुलिस का वेरीफाई करना चाहिए।

हर वाहन की जांच जरूरी-

उधर बार्डर पर मौजूद दिल्ली पुलिस का कहना है कि सुबह का वक्त है। दफ्तर आने जाने वाले वाहन भी बार्डर पर दोनों तरफ से आ जा रहे हैं। हर वाहन की जांच भी होना जरूरी है। इसलिए ट्रैफिक धीमा है। न कि जाम लगा है। जहां तक श्रमिकों को बार्डर पार (गाजियाबाद में) भेजने की बात है, तो हम उन्हीं श्रमिकों को बार्डर पर भिजवा रहे हैं जिन्हें यूपी में जाना है।

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