KOTA : राजस्थान के कोटा से दिल दुखाने वाली खबर सामने आ रही है जहां पिछले दो घंटों में एक बार फिर दो छात्रों ने अपनी जान दे दी . बुधवार को दो घंटे के अंतराल में एक NEET और एक JEE के छात्र ने आत्हत्या कर ली है. कोचिंग हब के नाम से मशहूर इस शहर में पिछले 22 दिनों में 6 छात्र अपनी जान दे चुके हैं.
बेटे से मिलने पहुंची थीं मां…
बताया जा रहा है कि JEE की तैयारी कर रहा छात्र असम का रहने वाला था. उसकी मां अपने बेटे से मिलने कोटा गई थी लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था. बताया जा रहा है मां बेटे के कमरे में दोपहर में पहुंची थीं. वहां उन्होंने बेटे के कमरे का दरवाजा खोला तो उसका शव दिखाई दिया. यह देख छात्र की मां बेहोश हो गई. वहां मौजूद लोग दोनों को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद छात्र को मृत घोषित कर दिया.
दो घंटे में दो सुसाइड…
राजस्थान की कोचिंग नगरी कहे जाने वाले कोटा में इस साल भी छात्रों द्वारा की जाने वाली आत्महत्या का दुखद सिलसिला जारी है. बीते दो घंटे में दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया है. बताया जा रहा है कि कोटा में रहकर अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET UG की तैयारी कर रही 24 वर्षीय छात्रा ने सुसाइड कर लिया. मृतक छात्रा गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली थी. छात्रा के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
22 दिनों में 6 मौतें…
गौरतलब है कि कोटा में जनवरी 2025 मौतों का महीना बनकर आया है… अब तक इस महीने में 6 मौतें हो चुकी है.
7 जनवरी: महेंद्रगढ़ (हरियाणा) के नीरज जाट, जेईई की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने हॉस्टल में सुसाइड किया.
8 जनवरी: गुना (मध्य प्रदेश) के अभिषेक,जेईई के छात्र, पीजी में पंखे से लटके पाए गए.
16 जनवरी: उड़ीसा के अभिजीत गिरी, जेईई के छात्र ने हॉस्टल में आत्महत्या की.
17 जनवरी: बूंदी के एक छात्र ने खिड़की के कुंडे से लटककर सुसाइड किया.
22 जनवरी: अहमदाबाद की 24 वर्षीय नीट एस्पिरेंट और 18 वर्षीय जेईई एस्पिरेंट ने सुसाइड कर लिया.
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पिछले दो साल में 50 मौतें…
बता दें कि शिक्षा के लिए जहां कोटा को बेहतर माना जाता है वहीं पिछले दो सालों में यहां मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है जिसने सभी को अचंभित कर दिया है. अगर कोटा में पिछले दो सालों में मौतों के आंकड़ों को देखें तो यहां साल 2023 में 29 और 2024 में 19 छात्रों ने सुसाइड किया था. इसी क्रम में साल 2025 के शुरुआत में ही अब तक 6 छात्रों की मौत हो चुकी है.
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मानसिक दबाव का कारण क्या ?
छात्रों की मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण मानसिक दबाव बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि कोटा शहर हमेशा मानसिक तनाव के कारण चर्चा में रहता है. छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या ने कोचिंग उद्योग और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है. छात्रों पर बढ़ते मानसिक और शैक्षणिक दबाव को कम करने के लिए कोचिंग संस्थानों, माता-पिता और प्रशासन को मिलकर समाधान तलाशने की कोशिश की जा रही है.