मुंबई के गर्ल्स हॉस्टल में छात्रा का शव बरामद, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

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दक्षिण मुंबई के पॉश मरीन ड्राइव इलाके के एक सरकारी हॉस्टल के कमरे में मंगलवार को 18 साल की एक कॉलेज छात्रा का शव मिला. जबकि इस मामले में एक संदिग्ध सिक्योरिटी गार्ड का शव रेल की पटरियों से बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि ऐसा संदेह है कि युवती का यौन उत्पीड़न किया गया, लेकिन इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।

गार्ड़ के रूप में हुई आरोपी की पहचान…

पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान 30 वर्षीय ओम प्रकाश कनौजिया के रूप में हुई. जो वारदात के बाद से फरार था. लेकिन जांच पड़ताल के दौरान वह मृत पाया गया. संदिग्ध ओम प्रकाश कनौजिया दक्षिण मुंबई में पुलिस जिमखाना के पास स्थित सावित्री फुले गर्ल्स हॉस्टल में 15 साल से गार्ड के रूप में काम कर रहा था. हॉस्टल में छात्रा का शव मिलने के बाद मंगलवार को मरीन ड्राइव के पास ही स्थित चर्नी रोड स्टेशन में रेल की पटरियों पर उसका भी शव मिला।

संदिग्ध का शव रेलवे ट्रैक पर बरामद…

बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश कनौजिया नेताजी सुभाष रोड स्थित छात्रावास के पीछे चर्नी रोड स्टेशन पहुंचा और प्लेटफॉर्म नंबर एक के पास पटरी पर लेट गया. शुरुआती जांच के अनुसार, चर्चगेट स्टेशन से आ रही ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. हालांकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह टिप्पणी नहीं की है. कि यह घटना हत्या है या आत्महत्या, या किसी तरह का हमला है।

विदर्भ की रहने वाली थी मृत छात्रा…

जानकारी के मुताबिक, मृत छात्रा महाराष्ट्र के विदर्भ की रहनेवाली थी. पुलिस को छात्रा के लापता होने की सूचना मिली थी. मंगलवार दोपहर से छात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी. हॉस्टल के चौथी मंजिल पर उसके कमरे के बाहर ताला लगा हुआ था।

जांच पड़ताल के बाद जब पुलिस ने हॉस्टल पहुंचकर छात्रा के कमरे का ताला तोड़ा. तो उसे दुपट्टे के सहारे पंखे से लटका पाया. अतिरिक्त आयुक्त अभिनव देशमुख ने कहा कि हमें जानकारी मिली कि सावित्री बाई हॉस्टल में एक लड़की गायब थी और उसके कमरे को बाहर से बंद कर दिया गया था। वह अंदर मृत पाई गई और उसके गले में दुपट्टा बंधा हुआ था. पुलिस को संदेह है कि उसकी हत्या बलात्कार के बाद की गई है. हम मामले की जांच कर रहे हैं।

पिता ने कहा- हत्या के लिए वार्डन जिम्मेदार…

लड़की के पिता ने कहा जिस हॉस्टल में मुझे मेरी बेटी से मिलने नहीं जाने देते थे, उसमे वो कैसे था और उसे कैसे ऊपर जाने दिया गया? इसके पहले उसने मेरी बेटी को परेशान किया था. बेटी ने मुझे बताया था, तब मैंने वार्डन को बोलने के लिए कहा था. बेटी ने वार्डन को बताया भी था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. इसलिए मेरी बेटी की हत्या के लिए वार्डन जिम्मेदार है. मेरी मांग है कि उन्हें भी आरोपी बनाया जाए. जब तक उन्हे आरोपी नहीं बनाया जाता है, तब तक मैं मेरी बेटी का शव नहीं लूंगा. मैंने मेरी बेटी को पढ़ाने के लिए भेजा था. 8 तारीख का उसका टिकट था, लेकिन आज मुझे उसका शव लेने आना पड़ा है.

आरोपी को पकड़ने के लिए टीम का गठन...

इस घटना के बाद आरेपी को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम बनाई गई. इसमे एडिशनल कमिश्नर, साउथ रीजन डॉ. अभिनव देशमुख, मरीन ड्राइव के सीनियर इंस्पेक्ट नीलेश बागुल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. इसमें डिटेक्शन टीम पीएसआई राकेश शिंदे कॉस्टेबल लोंधे, सांगले और कोराटे शामिल थे।

 

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