बीजेपी नेता दलित के घर खाना खाकर कर रहे उनका उद्धार

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उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश राणा के बाद अब एक अन्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक मोती सिंह ने विवाद को न्योता दे दिया है। उन्होंने कह दिया कि उनके एक दलित के घर खाना खाने से दलित परिवार का उद्धार हो गया। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद से उनकी काफी आलोचना हो रही है।

मोती सिंह ने दिया विवादित बयान

मोती सिंह मंगलवार शाम झांसी के बडगांव ब्लॉक के गढ़मऊ गांव गए थे। वहां उन्होंने एक चौपाल को संबोधित किया। इसके बाद गांव के ही एक दलित परिवार के साथ खाना खाने के बाद सिंह ने कहा, ‘राम और शबरी संवाद रामायण में है। आज जब ज्ञान जी की मां ने मुझे रोटी परोसी तो उन्होंने कहा- ‘मेरा उद्धार हो गया’। किसी राजा के यहां भोजन किया होता तो शायद उनकी मां ने यह न कहा होता।’

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विपक्षी दलों का वार

सिंह के इस बयान के बाद से उनकी और बीजेपी के तीखी आलोचना हो रही है। विरोधी दल बीजेपी को दलित-विरोधी पार्टी बता रहे हैं। पार्टी पर आरोप लगाया जा रहा है कि इसके नेता दलितों को पिछड़ा महसूस करा रहे हैं। इस बारे में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा, ‘इससे उनकी सामंतवादी सोच का पता चलता है। वे संविधान द्वारा सोची गई सामाजिक संतुलन को बनाना नहीं चाहते हैं।’

सुरेश राणा ने खाया था हलवाई के हाथ का बना खाना

इससे पहले सुरेश राणा आगरा के एक दलित परिवार खाना खाने गए, लेकिन बाद में उस परिवार ने बताया कि उनके आने की सूचना नहीं थी। मंत्री जी को परोसा गया खाना हलवाई ने बनाया था। इसके बाद राणा की काफी आलोचना हुई थी। गौरतलब है कि 2019 के आम चुनावों को देखते हुए बीजेपी दलितों को साधने की कोशिश में लगी हुई है। इसी वजह से कई बीजेपी नेता दलितों के घर जा रहे हैं।

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