डॉक्टरों पर किया हमला तो पक्का 7 साल जेल, मोदी सरकार लाई अध्यादेश

कोरोना से जंग के दौरान डॉक्टरों और नर्सों पर देश के कई हिस्सों में हुए थे हमले

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नयी दिल्ली : कोरोना वॉरियर्स Corona warriors के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी जानकारी। देश में कोरोना वायरस से जंग के दौरान देश में कई जगहों पर डॉक्टरों और नर्सों पर हमले हुए थे। उन्होंने बताया कि सरकार ने 123 साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए अध्यादेश लाने का फैसला किया है।

अध्यादेश लाने का फैसला

कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में डॉक्टरों और नर्सों पर हमले को देखते हुए सरकार Corona warriors की सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश लाई है। नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में आज 123 साल पुराने कानून में बदलाव करने का फैसला किया गया और हेल्थकर्मियों (Corona warriors) के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। इस अध्यादेश के तहत डॉक्टरों और अन्य हेल्थकर्मियों (Corona warriors) पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।

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हमला गैरजमानती होगा

कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों और नर्सों (Corona warriors) पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हेल्थकर्मियों (Corona warriors) पर हमला करने वालों पर 50 हजार से 2 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा 3 महीने से 5 साल की सजा भी हो सकती है। जबकि गंभीर चोट के मामले में अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थयकर्मियों (Corona warriors) पर हमला गैरजमानती होगा।

शाह से हुई थी डॉक्टरों की बात

जावड़ेकर ने बताया कि आज सुबह की गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने मेडिकलकर्मियों (Corona warriors) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। डॉक्टरों ने मांग की थी कोरोना काल में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाए। गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि NSA, IPC, CRPC होने के बावजूद यह अध्यादेश लाने का फैसला किया गया।

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गंभीर मामले में 7 साल तक की सजा और दोगुना जुर्माना

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 123 साल पुराने कानून में बदलाव करते हुए डॉक्टरों (Corona warriors) पर हमला करना को बर्दाश्त नहीं करने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि गंभीर चोट के मामलों में हमला करने वालों को 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। ऐसे मामलों में जुर्माना 1-5 लाख तक होगा। गाड़ी या क्लीनिक का नुकसान करने पर बाजार रेट से दोगुना नुकसान हमलावारों से वसूल किया जाएगा।

कोरोना से निपटने के लिए क्या-क्या कदम

जावड़ेकर ने साथ ही बताया कि सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए अबतक क्या-क्या कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि देश में कोविड-19 के 723 अस्पताल बने हैं। इसके अलावा 1 लाख 86 हजार आइसोलेशन बेड तैयार हैं। 24 हजार ICU और 12,190 वैंटिलेटर तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना का पहला मरीज मिलने के तीन महीने के भीतर इन सेवाओं का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक पीपीई की बात है, पहले हमारे पास एक भी फैसिलिटी नहीं थी। आज 77 घरेलू कंपनियां पीपीई बना रही हैं। 1 करोड़ 88 लाख पीपीई का ऑर्डर है। 25 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध हैं और ढाई करोड़ का ऑर्डर दिया गया है।

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