चारा घोटाले में लालू दोषी, जगन्नाथ बरी

lalu prashad

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले चौथे केस में दोषी पाया गया है। दुमका कोषागार से जुड़े में आज रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया। जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने पेश होने के लिए कहा था।

हर दिन 6-6 दोषियों को सजा सुनाई जाएगी

लेकिन सोमवार को लालू के कोर्ट पहुंचने से पहले ही उनके खिलाफ फैसला सुना दिया गया। हालांकि, अभी उनकी सजा का ऐलान नहीं किया गया है। सीबीआई के वकील ने बताया कि दुमका केस में 12 लोगों को रिहा किया गया है, जबकि लालू समेत 19 आरोपियों को दोषी पाया गया है। हालांकि, अभी सजा पर ऐलान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि 21, 22 और 23 मार्च को सजा पर बहस होगी। उन्होंने बताया कि हर दिन 6-6 दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि 22 मार्च को लालू प्रसाद की सजा पर ऐलान हो सकता है।

जगदीश शर्मा, महेश प्रसाद, आरके राणा को बरी कर दिया गया है

दोषी- अजीत कुमार वर्मा, आनंद कुमार सिंह, नंद किशोर, महेंद्र सिंह वेदी, राज कुमार, राजा राम, रघुनंदन प्रसाद, राजेन्द्र कुमार, फूलचंद और सरमेंद्र दास को दोषी पाया गया है। बरी- पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के अलावा एमसी सुवर्णो, ध्रुव भगत, अधीप चंद, जगदीश शर्मा, महेश प्रसाद, आरके राणा को बरी कर दिया गया है। लालू यादव पहले से ही चारा घोटाला के तीन दूसरे मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चारा घोटाले का ये चौथा यानी दुमका कोषागार केस 3 करोड़ 13 लाख रुपये के गबन का है।

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इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, शुक्रवार को अदालत ने बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक समेत महालेखाकार कार्यालय के तीन अधिकारियों के खिलाफ इसी मामले में मुकदमा चलाए जाने की लालू प्रसाद की याचिका स्वीकार कर ली थी। जिसके बाद तीनों को समन जारी करने का निर्देश दिया गया। लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया था।

दोषी पाते हुए 5 साल जेल की सजा सुनाई थी

लालू प्रसाद ने अपने वकील के माध्यम से पूछा था कि अगर इतना बड़ा घोटाला बिहार में हुआ तो उस दौरान 1991 से 1995 के बीच बिहार के महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?चारा घोटाला से जुड़े चाईबासा केस में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 24 जनवरी को लालू यादव को दोषी पाते हुए 5 साल जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। लालू के अलावा जगन्नाथ मिश्र को सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये का गबन करने के केस में ये सजा सुनाई थी। तब से लालू जेल में बंद हैं।

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