Chinnaswamy Stadium: कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ पर निंदा की. घटना के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग भाजपा नेता आर अशोक ने उठाई है. उन्होंने मानवाधिकार आयोग से घटना मामले का तुरंत संज्ञान लेने से लेकर कार्यक्रम के आयोजन में शामिल हुए सभी सरकारी अधिकारियों, एजेंसियों और निजी संस्थाओं की भूमिकाओं एवं जिम्मेदारियों की व्यापक जांच शुरू कराने का आग्रह किया है.
“मानवाधिकारों के उल्लंघन की तरह परेशान करने वाली घटना”
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) आर अशोक ने अपने द्वारा लिखे पत्र में कहा कि, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु’ यानी की (आरसीबी) की जीत की खुशी में जश्न मनाने के लिए बीते 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई थी. इसके चलते 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी तथा 75 लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे. ये घटना कोई मामूली नहीं बल्कि, मानवाधिकारों के उल्लंघन की तरह परेशान करने वाली घटना” थी.
सीएम सिद्धारमैया पर लगा आरोप
चिन्नास्वामी स्टेडियम हमले को गंभीरता से लेते हुए भाजपा नेता आर अशोक ने यह कोई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना नहीं है, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और प्रारंभिक जांच से तो ये साफ जाहिर होता है कि, यह कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की एक बड़ी लापरवाही का नतीजा है. नेता अशोक ने ये भी कहा कि, जब पता था कि आरसीबी जश्न मनाने आ रही है तो ऐसी स्थिति में भीड़ होना लाजिमी है. उसके बाद भी न कोई पुलिस की तैनाती और न ही किसी प्रकार की कोई सुरक्षा-व्यवस्था. यही कारण है कि, इस तरह की घटना घटी और 11 लोगों की जान चली गई.
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जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ को लेकर बीते 8 जून को कर्नाटक सरकार की जमकर आलोचना की थी. उन्होंने सीएम सिद्धारमैया को “तुगलक दरबार” करार दिया. इतना ही नहीं उन्होंने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग तक की थी. इसके अलावा उन्होंने कर्नाटक सीएम की लापरवाही को देखते हुए कहा था कि जिन लोगों की इस घटना में जान गई है उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए.