सीओ संभल अनुज चौधरी की क्लीन चिट निरस्त, अब फिर होगी जांच-पड़ताल

Careful Matter: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार संभल मामले को लेकर चर्चाओं में छाई हुई है. दरअसल, सीओ संभल अनुज चौधरी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को दुबारा से जांच करने के आदेश दिए गए हैं. यूं कहे कि संभल के अनुज चौधरी के विरुद्ध सेवा नियमावलियों के लगातार उल्लंघन करने के मामले में आरोपों के तहत दी गई क्लीन चीट को शासन ने निरस्त कर दिया है. आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के आरोप पर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं. इस संबंध में उनसे 5 मई तक साक्ष्य देने की भी मांग की गई है.

सीओ संभल अनुज चौधरी की क्लीन चिट निरस्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिए दोबारा  जांच के आदेश - Sambhal CO Anuj Chaudharys Clean Chit Revoked UP Govt Orders  Reinvestigation

अमिताभ ठाकुर ने यह लगाया था आरोप

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने अनुज चौधरी पर लगातार सेवा नियमावलियों, वर्दी नियमावलियों के उल्लंघन किए जाने, बिना अधिकारिकता के बयानबाजी करने, पुलिसिंग और अपने कार्यों को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने, सेवा नियमावलियों से इतर कार्य कर माहौल को तनावग्रस्त करने के साथ वर्ग विशेष में असुरक्षा की भावना उजागर करने के आरोप लगाए थे.

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इन्हीं आरोपों के चलते एएसपी संभल की जांच-पड़ताल में पता चला कि संभल में जुमा अलविदा, होली और ईद का त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, लेकिन अन्य आरोपों को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है. इसके बाद भी अनुज चौधरी के खिलाफ दी गई शिकायतों को निस्तारित कर दिया गया है.

शिकायतकर्ता के बयान के बिना जनसुनवाई मुश्किल

निस्तारित हुई शिकायत मामलों से नाराज हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखा. कहा कि मुख्य सचिव द्वारा पारित किए गए शासनादेशों के मुताबिक शिकायतकर्ता के बयान के बिना जनसुनवाई होना काफी मुश्किल हैं. इसके बाद अनुज चौधरी और अन्य लोगों के बयान दर्ज करा लिए गए. ऐसे में बड़ी बात तो ये रही कि उन्हें अपनी बात और उन सबूतों को प्रस्तुत करने का जरा भी मौका नहीं मिल सका जो बेहद आपत्तिजनक थे. इसी बात पर शासन द्वारा दिए गए आदेश के चलते एएसपी संभल श्रीशचंद्र ने अमिताभ ठाकुर को तीन दिन के अंदर अपने आरोपों के संबंध में साक्ष्य को उपलब्ध कराने का आदेश दिया.

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अमिताभ ठाकुर ने मांगा 5 दिन का समय

इन्हीं आदेशों को गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को तीन दिन का समय दिया गया था. वहीं अमिताभ ठाकुर की तरफ से अपने साक्ष्यों को प्रशासन के सामने पेश करने के लिए 3 दिन की बजाय 5 दिन का समय मांगा गया है जिसकी मंजूरी उन्हें शासन द्वारा मिल गई. माना ये जा रहा है कि इस मामले में होने वाली जांच में ठाकुर के साक्ष्य भी शामिल किये जाएंगे. यहीं कारण है कि उन्हें सबूतों को इक्ट्ठा करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है.