किसानों की मौत पर मप्र बंद आज, राहुल-हार्दिक पहुंचेंगे मंदसौर

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मध्य प्रदेश में किसानों पर हुई गोलीबारी के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। पांच किसानों की मौत के बाद पूरी सरकार हिल गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर हिंसा में मारे गए पांच किसानों के परिजनों के लिए एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। जबकि गंभीर रूप से घायलों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा मृतक किसानों के परिवार में से एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने मंदसौर की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्वीट किया कि घायलों के इलाज की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। शिवराज ने किसानों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा कि वे किसी के बहकावे में ना आएं।

महाराष्ट्र की चिंगारी पहुंची मप्र

बता दें कि पिछले छह दिनों से महाराष्ट्र में किसानों की हड़ताल चल रही है। किसानों के आंदोलन की यह आग कब पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश तक पहुंच गई, इसका पता तब चला जब सरकारी गोलियों ने 5 किसानों की जान ले ली। यह आंदोलन महाराष्ट्र में चंद्रपुर के एक गांव से शुरू हुआ था, लेकिन अब इसका असर मध्य प्रदेश पर ज्यादा नजर आ रहा है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल मध्य प्रदेश में दो जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसलों की सही कीमत मिले और कर्जमाफी हो। तीन जून को शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से मिलकर मामला सुलझने का दावा किया था। जिसके बाद एक धड़े ने आंदोलन वापस भी ले लिया था, लेकिन बाकी किसान विरोध प्रदर्शन पर अड़े रहे। जिसके छह जून को हालात बेकाबू हो गए और गोलीबारी में पांच किसानों की जान चली गई। अब सवाल ये है कि क्या बातचीत से ये मामला नहीं सुलझाया जा सकता था?

कांग्रेस ने बुलाया बंद

किसानों की मौत के बाद इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और किसान संगठनों ने आज बंद बुलाया है। कांग्रेस ने गोलीकांड पर शिवराज सरकार को घेर लिया है। शहडोल में पोल खोल चौपाल का आयोजन किया गया जिसमें मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसे राज्य के इतिहास का काला दिन बताया. वहीं सरकार और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

राहुल गांधी, हार्दिक पटेल पहुंचेंगे मंदसौर

घटना के बाद आज किसान संगठनों ने मध्य प्रदेश बंद बुलाया है और कांग्रेस भी इसका समर्थन कर रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल मंदसौर पहुंचकर किसानों से मुलाकात करेंगे।

उपद्रवियों ने की लूटपाट

मंदसौर में कर्फ्यू की नौबत हिंसा के बाद आई। पिपरियामंडी बही चौपाटी पर उपद्रवियों की तरफ से आगजनी की गई। पांच जून को भी उपद्रवियों ने ट्रकों का सामान लूट लिया था। उपद्रवी जिस जगह से निकले वहां दुकानें तोड़ी गईं और छोटे-छोटे दुकानदार यहां तक की महिलाओं की दुकानों तक को लूट लिया गया। मंदसौर जिले में आंदोलनकारियों ने रेलवे फाटक तोड़ दिया और पटरियां उखाड़ने की भी कोशिश की। जिसके बाद मंदसौर और राजस्थान के चित्तौड़ शहर के बीच रेल सेवा ठप हो गई है। इसके बाद प्रशासन ने मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरीके से बंद कर दी गई है।

प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबल आमने-सामने

इसी के बाद कल प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने आए। इसके बाद दोनों ओर से पथराव हुआ और फिर गोलियां चली, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गोलियां सीआरपीएफ की तरफ से चलीं वहीं राज्य सरकार कह रही है कि उसने गोली चलाने के आदेश ही नहीं दिए। मामले को बढ़ता देख राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही शिवराज सिंह ने कल रात आनन-फानन में अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाकर मारे गए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की रकम को बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया।

विधानसभा चुनाव पर होगा असर ?

अगले साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में यह आंदोलन जिस तरह से बढ़ रहा है। उससे यह साफ है कि इससे सत्तारूढ़ पार्टी के लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। आमतौर पर जब इस तरह का आंदोलन बढ़ता है तो इसके पीछे राजनीतिक पार्टियों का हाथ होता है। इस आंदोलन की आग में कोई राजनीतिक पार्टी घी डाल रही है या नहीं, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन फिलहाल इतना तो तय लग रहा है कि चौथी बार मध्यप्रदेश की सत्ता हासिल करना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है।

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