लखनऊ: राजधानी लखनऊ से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां सीबीआई (CBI) अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ करते हुए गैंग के मास्टरमाइंड सुरेश सेन को एसटीएफ की टीम ने धर-दबोचा है. गिरफ्त में आए आरोपी सुरेश सेन पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक क्लीनिक को अपना निशाना बनाते हुए धोखाधड़ी के मामले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है.
जानिए क्या है मामला
हैरानी की बात तो ये है कि ये धोखाधड़ी का खेल लखनऊ के विकास नगर में जनरल फिजीशियन का क्लीनिक चला रहे डॉक्टर अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट किया था. मास्टरमाइंड गैंग ने फर्जी सीबीआई अधिकारी के रूप में डाक्टर से 48 लाख रुपये हड़पे थे. ये सिलसिला दो दिनों तक चला था. इसकी भनक लगते ही जांच एजेंसी एसटीएफ टीम ने क्लीनिक पर अपना धावा बोलते हुए घटनास्थल का जायजा लिया और आरोपी सुरेश को अपनी हिरासत में ले लिया.
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पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने खोला राज
बता दें ये गैंग इतना शातिर है कि क्लीनिक डॉक्टर के बाद ये किसी और को अपना निशाना बनाने वाले थे, जिस पर जांच टीम ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ठगी जैसे मामलों के लिए दोषी सुरेश सेन ने चाइनीज द्वारा संचालित साइबर ठगी करने वाली पांच कंपनियों में दस महीने तक ट्रेनिंग भी ली थी.
इतना ही नहीं, इससे पहले गिरफ्तार हुए आरोपी नितिन के माध्यम से लोगों को सुरेश कंबोडिया बुलाने लगा था, क्योंकि सुरेश के माध्यम से ठगी की कंपनियां या कॉल सेंटर में किसी का सेलेक्शन होने पर एक हजार डालर का कमीशन मिलता था. वहीं इस मामले में एसटीएफ टीम दो लोगों को पहले ही जेल भेज चुकी है.