लंदन का चायवाला: यूरोप और ब्रिटेन का पहला भारतीय ड्राइव थ्रू, जाने इतिहास

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वाराणसी: दुनिया भर में दिन प्रतिदिन भारतीय खाने का क्रेज़ बढ़ते जा रहा है। भारतीय खाने (Indian Cuisine) को TasteAtlas’ 2022 World’s Best Cuisine Awards में भारतीय व्यंजनों को 5 में से 4.54 स्टार मिले और दुनिया भर के खानो में पांचवां स्‍थान मिला है। हाल ही में ब्रिटेन का मैंचेस्टर शहर एक बार फिर से समाचारों की सुर्ख़ियों में है, वजह मैंचेस्टर यूनाइटेड फूटबाल क्लब(Manchester United Football Club) नहीं बल्कि एक ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट है। आप सोच रहे होंगे की शायद केएफसी या बर्गर किंग की कोई नई शाखा होगी, पर ये ब्रिटेन का पहला इंडीयन ड्राइव थ्रू है। लंदन का चायवाला यानी चायवाला ओफ़ लंदन (Chaiiwala of London).

चायवाला ओफ़ लंदन(Chaiwala Of London)

मैंचेस्टर में खुले इस इंडीयन ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट का नाम है चायवाला ओफ़ लंदन(Chaiwala Of London), इस रेस्ट्रॉंट चेन के ब्रिटेन में 74 शाखायें चलती हैं और इसी ब्रांड ने पूरे यूरोप में पहला ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट खोला है जहां पे भारतीय खाना परोसा जाता है। चायवाला रेस्‍टोरेंट चैन की बात की जाए तो दिल्ली से शुरू हुआ ये चैन सबसे पहले दुबई में अपना पहला विदेशी आउट्लेट शुरू किया था और आज कनाडा, दुबई और ब्रिटेन में इनकी कुल 80 से ज़्यादा शाखायें हैं।

वेल्स ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्‍लैंड के मैनचेस्‍टर में चायवाला ड्राइव-थ्रू रेस्‍टोरेंट खुला है. इसे पहला भारतीय ड्राइव-थ्रू रेस्‍टोरेंट बताया जा रहा है.  इसकी स्थापना मिडलैंड्स स्थित कंपनी द्वारा बोल्टन में की गई थी, जिसकी शुरुआत 1927 में दिल्ली में हुई थी. यह रेस्‍टोरेंट क्लासिक इंडियन स्ट्रीट फूड और अन्य लोकप्रिय खाद्य पदार्थ परोसता है.

 

क्या होते हैं ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट, कहाँ से हुई थी शुरुआत? 

ड्राइव-थ्रू रेस्‍टोरेंट ऐसे रेस्‍टोरेंट होते हैं जहां कस्‍टमर एक तरफ से अपनी कार में रेस्‍टोरेंट के बिलिंग काउंटर पर प्रवेश करके अपना ऑर्डर देते हैं और जब वह बाहर की ओर निकलते हैं तो डिलिवरी काउंटर पर उनका ऑर्डर तैयार होता है. इसके अलावा कंपनी होम डिलिवरी पर भी काम कर रही है. ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट का कॉन्सेप्ट अमेरिका से आया था, 1921 में पहली बार कर्बी पिंग स्टैंड(Kirby Pig Stand) में ड्राइव इन रेस्‍टोरेंट की शुरुआत की थी, जहां पर ग्राहकों को उनकी गाड़ियों में ही उनका खाना कारहाप्स (Carhops) द्वारा सर्व किया जाता था। 1948 में इन-एन-आउट बर्गर चेन के हैरी और एस्थर स्नाइडर ने पहला ट्रू ड्राइव-थ्रू रेस्तरां बनाया। जिसमें दो-तरफ़ा स्पीकर सिस्टम था, जिसे हैरी स्नाइडर ने उस वर्ष की शुरुआत में खुद का आविष्कार किया था। 1970 के दशक तक, ड्राइव-थ्रू सेवा ने संयुक्त राज्य में ड्राइव-इन रेस्तरां को बदल दिया था। 1975 में मैकडॉनल्ड ग्रुप ने अपना पहला ड्राइव थ्रू खोला जो की अमरीकी सेना में काम कर रहे सिपाहियों की लिए थे और वहाँ से ड्राइव थ्रू रेस्‍टोरेंट का प्रचलन शुरू हुआ। आपको बता दे की यूरोप का पहला ड्राइव थ्रू मैक्स हमनबर्गेर के नाम से स्वीडन में खुला था।

ब्रिटेन में सबसे जयदा हैं भारतीय रेस्‍टोरेंट (Indian Restaurants)

भारतीय व्यंजन ब्रिटेन में सबसे जयदा खाए जाते हैं। अगर बात करे तो इस देश में 8000 से जयदा भारतीय रेस्‍टोरेंट हैं। अकेले लंदन में भारतीय रेस्तरां की संख्या  3,600 हैं जो दिल्ली और बॉम्बे के भारतीय रेस्‍टोरेंट दोनों को मिलाकर हैं भी लंदन से काम पड़ते हैं; ब्रिटिश शिपिंग की तुलना में भारतीय भोजन अधिक लोगों को रोजगार देता है; भारतीय भोजन से टर्नओवर $3 बिलियन से $4 बिलियन प्रति वर्ष है।

चिकन टिक्का मसला, ब्रिटेन का राष्ट्रीय खाना

भारतीय खाने का खुमार ब्रिटेन के लोगों पर इतना है की चिकन टिक्का मसाला को व्यापक रूप से इस देश का राष्ट्रीय व्यंजन माना जाता है। 2001 में ब्रिटिश विदेश सचिव रॉबिन कुक ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने चिकन टिक्का मसाला को आधुनिक बहुसांस्कृतिक ब्रिटेन के प्रतीक के रूप में सराहा। इस खाने का जन्म ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में हुआ था जहां पाकिस्तान मूल के अली अहमद असलम ने इस व्यंजन का ईजाद किया था। अली अहमद असलम का दिसंबर 2022 में ब्रिटेन के ग्लासगो में देहांत हो गया।

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