बालासोर ट्रेन हादसे में CBI की जांच शुरू, 101 शवों की पहचान होना बाकि

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ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की जांच केंद्रीय जांच ‘एजेंसी सीबीआई’ ने शुरू कर दी है. सीबीआई की और से गठित 10 सदस्य टीम ने सोमवार को घटना स्थल का दौरा कर दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. रेल बोर्ड ने ही दर्दनाक हादसे की जांच सीबीआई से करने की मांग की थी. घटना के बाद 3 जून को रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया है.

ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन के खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सीबीआई जांच शुरू हो गई है. हालांकि, विस्तृत जानकारी अभी नहीं पता है. सीबीआई की टीम से पहले रेल सुरक्षा कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक भी घटनास्थल का दौरा किए थे. पाठक बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर भी गए थे.

हादसे में घायल हुए तक़रीबन 1100 में से 900 लोग इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. और तकरीबन 200 लोगों का ओडिशा अलग अस्पतालों में इलाज कहल रहा है. वहीं इस घटना में अब तक 278 लोगों में से 177 शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि अभी 101 शवों की जांच करना बाकि है. इन शवों को भुवनेश्वर समेत अलग-अलग के मोर्चरी में रखा गया है.

भुवनेश्वर में हुई 80 शवों की पहचान…

सिर्फ भुवनेश्वर की बात करें तो यहां पर कुल 193 शवों को रखा गया था. जिसमे से 80 शवों की पहचान कर ली गई है. भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर ने कहा कि 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं. शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है.

शव के कराए जा रहे डीएनए टेस्ट…

अब जैसे-जैसे मृतकों के परिजन रेलवे या फिर स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं वैसे-वैसे शवों की पहचान हो रही है उन्हें परिवार को सौंपा जा रहा है. मृतकों में कुछ शव ऐसे भी हैं जो क्षत विक्षत हो चुके हैं, ऐसे में डीएनए के जरिए इन शवों की पहचान की जा रही है और परिवार वालों को सौंपा जा रहा है.

बालासोर में शुक्रवार शाम उस समय यह दर्दनाक हादसा हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल होकर मालगाड़ी और यशवंतपुर एक्सप्रेस से टकारा गई थी. हादसा इतना भयानक था कई बोगियों के परखच्चे उड़ गए थे. मरने और घायलों में सबसे ज्यादा यात्री कोरोमंडल एक्सप्रेस के ही थे. दुर्घटना के बाद घायलों को ओडिशा के अलग-अलग जिलों में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, जबकि शवरों को मोर्चरी में रखा गया है.

घटना के दो दिन बाद से ही शुरू है ट्रेनों का आवागमन…

हादसे के बाद करीब 51 घंटे के भीतर रविवार रात से ही रूट पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है. अप और डाउन दोनों लाइन को ठीक कर लिया गया है. खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत व बचाव कार्य पर बारीकी से नजर रख रहे थे.

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